रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की मध्‍यस्‍थता के सवाल पर क्‍या बोले पोलैंड के कार्यकारी राजदूत?

भारत में पोलैंड के कार्यकारी राजदूत सेबैस्टियन डोमज़ल्स्की ने कहा कि हम पीएम मोदी के ‘यह युद्ध का काल नहीं’ वाले बयान से सहमत हैं. हालांकि उन्‍होंने कहा कि कोई भी शांति समझौता एकतरफा नहीं हो सकता है.

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नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस महीने पोलैंड के दौरे पर जा रहे हैं. यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का 45 साल के बाद पोलैंड का दौरा होगा. भारत में पोलैंड के कार्यकारी राजदूत सेबैस्टियन डोमज़ल्स्की ने NDTV से कहा कि पीएम मोदी का यह दौरा एक नई शुरुआत है और यह ऐतिहासिक होगा. साथ ही उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि अगली बार 45 साल का इंतजार नहीं करना होगा. इसके साथ ही डोमज़ल्स्की ने रूस-यूकेन युद्ध में भारत की मध्‍यस्‍थता के सवाल का भी बेबाकी से जवाब दिया है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगामी पौलैंड दौरे को लेकर डोमज़ल्स्की ने कहा कि यह 1979 के बाद किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पोलैंड दौरा है, मैं तब पैदा भी नहीं हुआ था. साथ ही उन्‍होंने उम्‍मीद जताई है कि पोलैंड और भारत के रिश्‍ते और मजबूती से आगे बढ़ेंगे. 

यूक्रेन से लाखों शरणार्थी पोलैंड पहुंचे : डोमज़ल्स्की

यूक्रेन-रूस युद्ध से जुड़े सवाल पर उन्‍होंने ने कहा कि यूरोप में चल रहा यह युद्ध पोलैंड की सीमा पर भी है. यूक्रेन से भाग कर लाखों शरणार्थी पोलैंड पहुंचे हैं. इसका पोलैंड की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है. 

साथ ही उन्‍होंने कहा कि हम पीएम मोदी के ‘यह युद्ध का काल नहीं' वाले बयान से सहमत हैं. हालांकि उन्‍होंने कहा कि कोई भी शांति समझौता एकतरफा नहीं हो सकता है. यूक्रेन की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान जरूरी है. उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी का यूक्रेन दौरा बहुत मजबूत संदेश देगा.  भारत शांति, यूएन चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता के साथ है. उन्‍होंने कहा कि मॉस्‍को फैसला ले तो यह जंग जल्‍द खत्‍म हो सकती है. 

यूक्रेन-रूस युद्ध में भारत की मध्‍यस्‍थता पर यह बोले 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पोलैंड के साथ ही यूक्रेन जाने के भी कयास लगाए जा रहे हैं. डोमज़ल्स्की से जब पूछा गया कि क्‍या पोलैंड, रूस और यूक्रेन युद्ध में भारत से मध्यस्थता की उम्मीद करता है तो उन्‍होंने कहा कि यह भारत, यूक्रेन और दूसरे पक्ष पर निर्भर करता है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि हम भारत की शांति में दिलचस्पी की सराहना करते हैं. 

द्विपक्षीय संबंधों के सवाल पर डोमज़ल्स्की ने कहा कि इस दौर में भारत और पोलैंड का जोर आर्थिक संबंधों पर रहेगा. 1979 से पोलैंड और भारत ने काफी विकास किया है और दोनों ही देशों में एक-दूसरे की जरूरतों को पूरा करने की क्षमता है. 

डोमज़ल्स्की ने कहा कि तकनीकी सहयोग हमारे रडार पर सबसे ऊपर है. वहीं पीएम मोदी के इस दौरे के दौरान माइनिंग, फूड प्रोसेसिंग, ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे सेक्‍टरों पर भी जोर रहेगा. साथ ही उन्‍होंने कहा कि आईटी सेक्‍टर में बीपीओ में सहयोगी की काफी गुंजाइश है. 

डोमज़ल्स्की ने भारत में फूड पार्क बनाए जाने की संभावना को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि‘सब कुछ मुमकिन है' 

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भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे PM मोदी : डोमज़ल्स्की

उन्‍होंने कहा कि पोलैंड में भारतीय मूल के लोगों का अहम योगदान है. उन्‍होंने बताया कि पोलैंड में पीएम मोदी भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगे. इसे लेकर भारतीय समुदाय में भारी उत्साह है. उन्‍होंने कहा कि पोलैंड भी ‘अतिथि देवो भव' के सिद्धांत पर चलता है. पोलैंड में भारतीय लोग और कंपनियां लगातार बढ़ रहे हैं. कई भारतीय रेस्टोरेंट से शुरुआत कर आगे बढ़े हैं. 

इंटरव्यू के दौरान डोमज़ल्स्की ने हिंदी के कुछ शब्दों का इस्‍तेमाल किया. इस बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा कि मैं अभी भी हिंदी सीख रहा हूं. मुझे थोड़ी-थोड़ी हिंदी आती है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि भारत-पोलैंड में मजबूत सांसकृतिक संबंध हैं. पीएम मोदी का यह दौरा संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा. 

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