अजमेर दरगाह में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर चढ़ाई गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से भी बुधवार को चादर पेश की गई.
उर्स में चिश्ती की पुण्यतिथि मनाई जाती है जो सबसे उल्लेखनीय सूफी संतों में से एक हैं, जिन्हें गरीब नवाज के रूप में भी जाना जाता है. उर्स में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 811 वें उर्स के अवसर पर विश्व भर में उनके अनुयायियों को बधाई एवं शुभकामनाएं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया को प्रेम, सौहार्द और बंधुत्व का संदेश देने वाले महान सूफी संत के वार्षिक उर्स पर दरगाह अजमेर शरीफ पर चादर भेजते हुए मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.''
संदेश में उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में संतों, पीरों व फकीरों ने शांति, एकता और सद्भावना के पैगाम के जरिये राष्ट्र के सांस्कृतिक ताने-बाने को सदैव मजबूती प्रदान की है.''
संदेश में उन्होंने कहा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भारत की महान आध्यात्मिक परंपराओं के प्रतीक हैं. ‘गरीब नवाज‘ द्वारा की गई मानवता की सेवा आगामी पीढ़ियों को निरंतर प्रेरणा देती रहेगी.
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 811वें उर्स पर अजमेर स्थित ख्वाजा साहब के आस्ताने पर बुधवार को चादर पेश की गई.
राजस्थान वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. खानू खान बुधवाली ने दरगाह में जियारत कर मुख्यमंत्री की ओर से चादर पेश की. इस अवसर पर पूर्व मंत्री नसीम अख्तर इंसाफ एवं हाजी कय्यूम खान भी उपस्थित रहे.
बुधवाली ने दरगाह में मुख्यमंत्री गहलोत का पैगाम पढ़ा. मुख्यमंत्री ने अपने पैगाम में कहा कि गरीब नवाज ने समाज के कमजोर, गरीब और बेसहारा लोगों की खिदमत करने, एक-दूसरे के साथ आपसी भाईचारा कायम रखने और परवर दिगार की इबादत करने पर जोर दिया.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)