Laying Foundation Stone of New Parliament Building : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को नए संसद भवन की आधारशिला रख दी. पीएम ने इस मौके पर वर्तमान संसद भवन की महत्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि 'हमारे देश और संविधान का निर्माण इस संसद भवन में हुई है. इस संसद भवन ने देश के उतार-चढ़ाव, आशाओं, आकांक्षाओं और सफर का प्रतीक रही है. यह सब हमारी धरोहर है, लेकिन संसद के शक्तिशाली इतिहास के साथ-साथ यथार्थ को भी स्वीकार करने की जरूरत है.' पीएम ने कहा कि 'वक्त-वक्त की जरूरत के साथ इस भवन को अपग्रेड करने की कोशिश कई गई है. साउंड, आईटी, सुरक्षा सिस्टम अपग्रेड किया गया है, कई बार दीवारें भी तोड़ी गई हैं, लेकिन अब यह भवन विश्राम मांग रहा है.'
पीएम ने कहा कि 'नए संसद भवन में कई नई चीजें की जा रही है, जिससे सांसदों की क्षमता बढ़ेगी, वर्क कल्चर में आधुनिक तरीके आएंगे. नागरिक सांसद से मिलने आते हैं, तो उन्हें बहुत मुश्किल होती है. संसद भवन में स्थान की कमी महसूस होती है. लेकिन भविष्य में हर सांसद के लिए ऐसी व्यवस्था होगी कि वो अपने संसदीय क्षेत्र से मिलने वाले लोगों से मिल सके.'
पीएम ने कहा कि 'नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत का गवाह बनेगा. पुराने भवन से देश की आवश्यकताओं की पूर्ति हुई, लेकिन नए संसद भवन से 21वीं सदी की आकांक्षाएं पूरी होंगी. हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे. और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने.'
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'India First का संकल्प'
PM मोदी ने कहा कि 'जब विश्वास के हम अपने लोकतंत्र का गौरव गुणगान करेंगे तो दुनिया कहेगी इंडिया इज मदर ऑफ डेमोक्रेसी.' उन्होंने कहा कि 'डेमोक्रेसी में संवाद होना चाहिए. डिफरेंस की जगह हो लेकिन डिस्कनेक्ट ना हो. संवाद चलते रहना चाहिए. लोगों की सेवा में कोई मतभेद नही होना चाहिए. आशावाद को जगाए रखना है. यहां पहुंचा हर कोई जवाबदेह है. हमारे फैसले में राष्ट्रहित सर्वोपरि है.'
पीएम ने कहा कि 'राष्ट्र के विकास के लिए राज्य का विकास, राष्ट्र की मजबूती के लिए राज्य की मजबूती, राष्ट्र के कल्याण के लिए राज्य का कल्याण. इस मूलभूत सिद्धांत के साथ काम करने का हमें प्रण लेना है. हमें संकल्प लेना है- यह संकल्प हो India First का. हम सिर्फ और सिर्फ भारत की उन्नति, भारत के विकास को ही अपनी आराधना बना लें. हमारा हर फैसला देश की ताकत बढ़ाए. हमारा हर निर्णय, हर फैसला, एक ही तराजू में तौला जाए. और वो है- देश का हित सर्वोपरि.'