पीएम मोदी ने चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य का किया जिक्र, जानें बिहार से कैसे जुड़ी है इनकी कहानी

PM Modi Bihar Visit: पीएम मोदी ने कहा कि जब-जब किसी दुश्मन ने भारत को चुनौती दी है तो बिहार देश की ढाल बनकर खड़ा हुआ है. बिहार की धरती पर लिया हुआ संकल्प कभी खाली नहीं जाता है.

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पीएम मोदी ने बिहार से किया चंद्रगुप्त मौर्य का जिक्र
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  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गयाजी में 12 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की सौगात दी
  • पीएम मोदी ने बिहार को चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य की धरती बताते हुए आतंक के खिलाफ संकल्प पूरा होने की बात कही
  • चाणक्य और चंद्रगुप्त का बिहार से काफी पुराना इतिहास जुड़ा है. चंद्रगुप्त ने मगध पर राज किया था
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर बिहार की धरती से विपक्ष पर जमकर हमला बोला है. इस बार वो गयाजी पहुंचे थे, जहां उन्होंने 12 हजार करोड़ से ज्यादा की परियोजनाओं की सौगात दी. इस दौरान पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया और कहा कि हमने आतंकवाद पर कड़ा प्रहार करने का काम किया. पीएम मोदी ने अपने भाषण में चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य का भी जिक्र किया. आइए जानते हैं कि इनका बिहार की धरती से क्या कनेक्शन है. 

पीएम मोदी ने किया चाणक्य और चंद्रगुप्त का जिक्र

पीएम मोदी ने कहा, बिहार चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य की धरती है. जब-जब किसी दुश्मन ने भारत को चुनौती दी है तो बिहार देश की ढाल बनकर खड़ा हुआ है. बिहार की धरती पर लिया हुआ संकल्प कभी खाली नहीं जाता है. इसीलिए जब कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, हमारे निर्दोष नागरिकों को मारा गया तो मैंने बिहार की इसी धरती से आतंकवादियों को मिट्टी में मिलाने की बात कही थी. आज दुनिया देख रही है, बिहार की धरती से लिया गया वो संकल्प पूरा हो चुका है. 

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क्या है चाणक्य और चंद्रगुप्त मौर्य की कहानी?

चाणक्य और चंद्रगुप्त का मगध से काफी पुराना इतिहास जुड़ा है. चाणक्य या कौटिल्य एक ऐसे शिक्षक थे, जिन्हें हमेशा से एक ऐसे छात्र की तलाश थी जो भारत के इतिहास में हमेशा के लिए अपनी छाप छोड़ दे. उन्होंने अपनी बुद्धि और दक्षता से एक साधारण बालक चंद्रगुप्त को मौर्य साम्राज्य का सबसे बड़ा योद्धा बना दिया. इसके बाद पूरे भारत में इस वंश का विशाल साम्राज्य स्थापित हुआ.

चाणक्य की नीति पर चलने वाले चंद्रगुप्त ने अपनी एक सेना तैयार की और आगे जाकर अपना साम्राज्य स्थापित किया. जंगल में सबसे पहले चाणक्य और चंद्रगुप्त की मुलाकात हुई थी, जब चंद्रगुप्त छोटे बालक थे और अपने दोस्तों को राजा बनकर आदेश दे रहे थे. इसी दौरान चाणक्य ने तय कर लिया था कि वो इस बालक को शिक्षा देंगे और उन्हें निकालने वाले राजा धनानंद के खिलाफ विद्रोह करेंगे. 

चंद्रगुप्त को बनाया मगध का राजा

चाणक्य ने चंद्रगुप्त को रणनीति, युद्धनीति और कूटनीति की शिक्षा देनी शुरू कर दी. इसके बाद चंद्रगुप्त की मदद से राजा धनानंद को हराया और नंद वंश का अंत हुआ. इसके बाद चाणक्य ने चंद्रगुप्त को मगध का राजा घोषित कर दिया. मगध की धरती से ही चंद्रगुप्त ने अपने मौर्य वंश का साम्राज्य खड़ा किया और चाणक्य के साथ मिलकर अपना संकल्प पूरा किया. यही वजह है कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में चाणक्य और चंद्रगुप्त का जिक्र किया.  

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