आज तो गुजरात के लोग छत पर ही होते हैं...; PM मोदी ने बताया मकर संक्राति क्यों उनका सबसे प्रिय त्योहार

पीएम मोदी ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 150 वर्षों में न केवल राष्ट्र की सेवा की है, बल्कि वह देश की वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक भी रहा है.

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भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150वें स्थापना दिवस समारोह में पीएम मोदी की शिरकत
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के 150वें स्थापना दिवस के समारोह में भाग लिया और 'मिशन मौसम' का शुभारंभ किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने पसंदीदा त्योहार का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि आज हम आईएमडी की 150वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. ये 150 वर्ष न केवल देश के मौसम विभाग की यात्रा के हैं, बल्कि हमारे देश में उन्नत विज्ञान और प्रौद्योगिकी की यात्रा के भी हैं...IMD ने 150 सालों में न केवल करोड़ों भारतीयों की सेवा की है, बल्कि नई उपलब्धियां भी हासिल की हैं.  

पीएम मोदी का पसंदीदा त्योहार मकर संक्रांति

पीएम मोदी भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के 150वें स्थापना दिवस समारोह में आज भाग लेते हुए देश वासियों को मकर संक्राति की शुभकामनाएं दी. पीएम मोदी ने कहा कि मैं गुजरात का रहने वाला हूं तो मेरा प्रिय त्योहार मकर संक्राति हुआ करता था. आज गुजरात के सभी लोग छत पर होते हैं, पूरा दिन का मजा लेते हैं. मैं भी कभी वहां रहता था, तो बड़ा शौक था मेरा खैर आज आपके बीच में हूं.  आज सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करते हैं. सूर्य धीरे-धीरे उत्तर की ओर स्थानांतरित होता है. हमारे यहां भारतीय परंपरा में इसे उत्तरायण कहा जाता है. 

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पीएम मोदी ने कहा कि करीब 50 साल पहले मैं गिर फॉरेस्ट में समय बिताने गया था. वहां सरकार के लोग एक आदिवासी बच्चे को हर महीने 30 रुपये मानदंड देते थे. मैंने जब पूछा तो उन्होंने बताया कि इस बच्चे में एक विशिष्ट प्रकार का सामर्थ्य है. जंगल में अगर कहीं भी आग लगी हो, इस बच्चे को पता चल जाता है. उस आदिवासी बच्चे में ऐसी ताकत थी कि आग लगने पर वह भांप लेता था.

पीएम मोदी

ये दिन भारतीय परंपरा में अहम

इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि इस दिन से खेती-बाड़ी के लिए तैयारियां शुरू हो जाती हैं और इसलिए ये दिन भारतीय परंपरा में इतना अहम माना गया है. उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम भिन्न-भिन्न सांस्कृतिक रंगों में इसे मनाया जाता है. मैं इस अवसर पर सभी देशवासियों को, मकर संक्रांति के साथ जुड़े अनेक विद् पर्वों की भी बहुत-बहुत बधाई देता हूं." 10 साल पहले तक देश के सिर्फ 10 प्रतिशत किसान और पशुपालक मौसम संबंधित सुझावों का इस्तेमाल कर पाते थे. आज यह संख्या 50 प्रतिशत है.

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‘मिशन मौसम' क्यों किया गया शुरू

भारत ने मौसम विज्ञान की दक्षता को अधिकतम करने और प्रकृति को जिम्मेदार ठहराने वाली आपदाओं के प्रभाव को कम करने के महत्व को पहले ही समझ लिया था. आईएमडी के बुनियादी ढांचे और प्रौद्योगिकी में पिछले 10 साल में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है. वैज्ञानिक संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार नए भारत के मिजाज का हिस्सा हैं. हमने भारत को मौसम के लिहाज से तैयार रहने के लिए ‘मिशन मौसम' शुरू किया है.

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