बुलेट ट्रेन, एशिया-यूरोप कोरिडोर और मेलोनी से क्या डील? जानें इटली से क्या-क्या लेकर लौटे मोदी

जी-7 शिखर सम्मेलन ने पीएम मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही ग्लोबल साउथ के नेता के रूप में भारत की छवि को और मजबूत कर दिया है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
प्रधानमंत्री मोदी और PM मेलोनी ने भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी पर बात
नई दिल्‍ली:

PM Modi in G7 Summit: इटली के अपुलीया में आयोजित ग्रुप ऑफ सेवन (जी-7) शिखर सम्मेलन में भारत का दबदबा साफ नजर आया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, जापानी प्रधानमंत्री फूमिओ किशिदा और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सहित कई विश्व नेताओं से मुलाकात की. इस दौरान कई मुद्दों पर बातचीत हुई. कई देश महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताते हुए नजर आए. वहीं, यूरोप की ओर से ठोस बुनियादी ढांचे के प्रस्तावों को आगे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई. आइए आपको बताते हैं कि कहां किससे बात बनी और जानिए इटली से क्या-क्या लाए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी.

कनाडा से खास रही मुलाकात, ये हुई बात

भारत और कनाडा के बीच पिछले कुछ समय से रिश्‍तों में तनाव चल रहा है. ऐसे में पीएम मोदी की कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात बेहद खास रही. कई देशों की नजर इस मुलाकात पर टिकी हुई थीं. जस्टिन ट्रूडो ने शनिवार को कहा कि जी7 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मोदी से उनकी मुलाकात के बाद कुछ ‘बहुत महत्वपूर्ण मुद्दों' से निपटने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता है.

ट्रूडो ने जी7 शिखर सम्मेलन के समापन पर मीडिया से कहा, "मैं इस महत्वपूर्ण, संवेदनशील मुद्दे के विवरण में नहीं जाऊंगा, जिस पर हमें आगे काम करने की आवश्यकता है. लेकिन यह आने वाले समय में कुछ बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने के लिए एक साथ काम करने की प्रतिबद्धता है." भारत का कहना रहा है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा अपने भू-भाग से संचालित हो रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को जगह दे रहा है. भारत ने कनाडा को बार-बार अपनी ‘‘गहरी चिंताओं'' से अवगत कराया है और नयी दिल्ली को उम्मीद है कि ओटावा उन तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा.

Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी और PM मेलोनी ने भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी पर बात 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी इतालवी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी ने द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे सहित वैश्विक मंचों तथा बहुपक्षीय प्रस्तावों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की. पीएम मोदी की दक्षिणी इटली के अपुलिया की एक दिवसीय यात्रा के अंत में शुक्रवार को दोनों नेताओं के बीच मुलाकात हुई. इस दौरान मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने के लिए इटली की प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया.

Advertisement

विदेश मंत्रालय ने बैठक के बारे में जारी विज्ञप्ति में कहा कि नेताओं ने खुले एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई तथा भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे पर भी चर्चा की.  क्षेत्र में चीन की आक्रामक गतिविधियों के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा, "दोनों नेता मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को पूरा करने की खातिर तैयार रूपरेखा के तहत क्रियान्वित की जाने वाली संयुक्त गतिविधियों के लिए तत्पर हैं."

Advertisement

भारत-जापान  द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति ... 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इटली के अपुलीया में जी-7 शिखर सम्मेलन के मौके पर जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने लगातार तीसरी बार पदभार संभालने पर दी गई बधाई के लिए प्रधानमंत्री किशिदा को धन्यवाद दिया. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि उनके तीसरे कार्यकाल में भी जापान के साथ द्विपक्षीय संबंधों को प्राथमिकता मिलती रहेगी. दोनों नेताओं ने कहा कि भारत-जापान विशेष रणनीतिक एवं वैश्विक साझेदारी अपने 10वें वर्ष में है और द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया. दोनों नेताओं ने पारस्परिक सहयोग को और मजबूत करने, नए एवं उभरते क्षेत्रों को जोड़ने तथा बी2बी एवं पी2पी सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.

Advertisement

भारत और जापान कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं, जिसमें ऐतिहासिक मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना (बुलेट ट्रेन) भी शामिल है. यह परियोजना भारत में आवागमन के क्षेत्र में अगले चरण की शुरुआत करेगी. वर्ष 2022-2027 की अवधि में भारत में 5 ट्रिलियन येन मूल्य के जापानी निवेश का लक्ष्य है और भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता साझेदारी का उद्देश्य हमारे मैन्यूफैक्चरिंग संबंधी सहयोग में परिवर्तन लाना है. दोनों नेताओं ने अगले भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में अपनी चर्चा जारी रखने के प्रति उत्सुकता दिखाई.

भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे से खुलेंगी की तरक्‍की की राह

जी7 शिखर सम्मेलन के अंत में औद्योगिक देशों के समूह ने भारत-पश्चिम-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) जैसे ठोस बुनियादी ढांचे के प्रस्तावों को आगे बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता जताई. भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) परियोजना के तहत सऊदी अरब, भारत, अमेरिका और यूरोप के बीच एक विशाल सड़क, रेलमार्ग और पोत परिवहन तंत्र की परिकल्पना की गई है ताकि एशिया, पश्चिम एशिया और पश्चिम के बीच जुड़ाव सुनिश्चित किया जा सके.

जी7 समिट के आखिर में कहा गया, "हम गुणवत्तापूर्ण अवसंरचना और निवेश की खातिर परिवर्तनकारी आर्थिक गलियारे विकसित करने के लिए जी7 पीजीआईआई (वैश्विक अवसंरचना और निवेश के लिए साझेदारी) के ठोस प्रस्ताव, प्रमुख परियोजनाओं और पूरक प्रस्तावों को बढ़ावा देंगे, जैसे कि लोबिटो कॉरिडोर, लुजोन कॉरिडोर, मिडिल कॉरिडोर और भारत-पश्चिम एथिया-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर के लिए हमारे समन्वय तथा वित्तपोषण कार्यक्रम को मजबूत करना, इसके साथ ही ईयू ग्लोबल गेटवे, ग्रेट ग्रीन वॉल पहल और अफ्रीका के लिए इटली द्वारा शुरू की गई मैटेई योजना को तैयार करना." 

ये भी पढ़ें :- ग्लोबल साउथ पर भारत की पकड़ हुई और दमदार, जानें PM मोदी की छवि साबित हो रही कितनी मददगार

Featured Video Of The Day
Mahakumbh: 'Social Media से देख रही हूं', महाकुंभ क्यों नहीं जा रही Seema Haider?