"भारत 2030 तक...": पीएम मोदी ने क्लाइमेट समिट में किए 5 वादे

भारत दुनिया के प्रमुख कार्बन प्रदूषकों में से एक है, जिसने शुद्ध-शून्य लक्ष्य की घोषणा की, चीन ने कहा कि वह 2060 में उस लक्ष्य तक पहुंच जाएगा, और अमेरिका और यूरोपीय संघ का लक्ष्य 2050 है.

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भारत 2030 तक अपनी Non-Fossil Energy Capacity को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा: PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ग्लासगो में COP26 जलवायु शिखर सम्मेलन को संबोधित किया, जहां उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए 'पंचामृत' यानि पांच अमृत तत्वों के बारे में बात की.  इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं आज आपके सामने एक, One-Word Movement का प्रस्ताव रखता हूं. यह One-Word एक शब्द, क्लाइमेट के संदर्भ में, One World-एक विश्व का मूल आधार बन सकता है, अधिष्ठान बन सकता है. ये एक शब्द है- LIFE...एल, आई, एफ, ई, यानि लाइफस्टाइल फॉर इन्वॉयरमेंट (Lifestyle For Environment). आइये आपको बताते हैं प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जलवायु शिखर सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए 'पंचामृत' के बारे में..

पहला- भारत, 2030 तक अपनी Non-Fossil Energy Capacity को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा
दूसरा- भारत, 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत energy requirements, renewable energy से पूरी करेगा
तीसरा- भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक बिलियन टन की कमी करेगा
चौथा- 2030 तक भारत, अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन इंटेन्सिटी को 45 प्रतिशत से भी कम करेगा
पांचवा- वर्ष 2070 तक भारत, नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा 

भारत दुनिया के प्रमुख कार्बन प्रदूषकों में से एक है, जिसने शुद्ध-शून्य लक्ष्य की घोषणा की, चीन ने कहा कि वह 2060 में उस लक्ष्य तक पहुंच जाएगा, और अमेरिका और यूरोपीय संघ का लक्ष्य 2050 है.

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रोम से रविवार रात ग्लासगो पहुंचे पीएम मोदी की अगवानी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने की. इसके बाद प्रधानमंत्री को मिस्टर जॉनसन और मिस्टर गुटेरेस के साथ बातचीत करते हुए देखा गया. तीनों नेता रविवार को इटली में जी20 शिखर सम्मेलन में भी शामिल हुए थे.

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