उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थल का निरीक्षण किया, जहां एक दिन पहले सिलक्यारा के पास निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया. इसमें 40 श्रमिक फंसें, जिन्हें बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की जानकारी ली है और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है.
"पीएम मोदी ने पूरी घटना की जानकारी ली"
सीएम धामी ने बताया, "घटना को लेकर हम सभी के संपर्क में हैं. पीएम मोदी ने कल पूरी घटना की जानकारी ली और उन्होंने हमें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके, इसके लिए विशेषज्ञ, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं. हमारी प्राथमिकता सभी 40 श्रमिकों को निकालना है. हम सभी परिवारों को यह भी आश्वस्त करना चाहते हैं कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार इस मामले को लेकर बहुत गंभीर हैं. हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं. बचाव कार्य पूरी रात जारी रहा है."
PM मोदी ने दिया हर संभव मदद का आश्वासन
मुख्यमंत्री ने कहा कि मलबा गिरने से समस्या पैदा हो गई है और उम्मीद जताई कि फंसे हुए मजदूरों को जल्द ही निकाल लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि घटना की जानकारी मिलने के बाद से वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं. सीएम धामी ने कहा कि ईश्वर से कामना है कि जल्द ही सभी लोग सकुशल बाहर आ जाएं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री को फोन करके उनसे घटना के संबंध में जानकारी ली तथा हर संभव मदद का आश्वासन दिया. सीएम धामी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के लेप्चा से लौटते ही प्रधानमंत्री ने उन्हें फोन कर सुरंग में फंसे श्रमिकों की स्थिति तथा राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी ली. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री जी को श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए जारी बचाव कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया." सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस दुर्घटना से निपटने के लिए हर संभव मदद का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों को राहत एवं बचाव कार्यों में सहयोग करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है.
सुरंग में पानी के लिए बिछाई गई पाइपलाइन से की जा रही ऑक्सीजन की आपूर्ति
सिलक्यारा में बनाए गए पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, वॉकी-टॉकी के जरिए सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क हुआ और सभी श्रमिक सुरक्षित हैं. नियंत्रण कक्ष के अनुसार, अंदर फंसे लोगों द्वारा खाने की मांग की गई है और उन्हें पाइप के जरिए भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं. श्रमिक फिलहाल 60 मीटर की दूरी पर हैं. सुरंग में पानी के लिए बिछाई गई पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. इसी पाइपलाइन के जरिए कंप्रेसर की मदद से दबाव बनाकर श्रमिकों तक भोजन के पैकेट भेजे जा रहे हैं. यह पाइपलाइन राहत और बचाव अभियान में काफी मददगार साबित हो रही है. इसी पाइपलाइन के जरिए मजदूरों से संपर्क स्थापित किया जा रहा है. सुरंग में फंसे मजदूरों तक संदेश भेजने के लिए पहले कागज पर संदेश लिखी पर्ची पाइपलाइन के जरिए भेजी गई थी. अब दुर्घटनास्थल पर पाइप के जरिये संदेशों का आदान-प्रदान हो रहा है.
सुरंग का ढहने वाला हिस्सा सुरंग के मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है. सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के अनुसार सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं. हर मौसम के अनुकूल चार धाम सड़क परियोजना के तहत बन रही इस साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा.
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