पीएम मोदी ने एमजीआर रेल प्रणाली देश को समर्पित की, जानें क्या है इस प्रणाली में खास बात

यह प्रतिष्ठित परियोजना हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलवे लाइन से भी जुड़ी होगी, जिसका उपयोग देश के अन्य हिस्सों में कोयले के परिवहन के लिए किया जा सकता है.

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को रायगढ़ जिले में एक कार्यक्रम में मेरी-गो-राउंड (एमजीआर) रेल प्रणाली को देश को समर्पित किया. यह प्रणाली तलाईपल्ली कोयला खदान से एनटीपीसी लारा एसटीपीएस तक जाएगी. एमजीआर रेल प्रणाली विशेष प्रकार के बने डब्बों की एक रेल होती है, जो चलते-चलते ही माल को चढ़ाने और उतारने की सुविधा होती है. एमजीआर प्रणाली कोयला खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयला परिवहन में तकनीकी चमत्कार की गवाही देगी.

सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी एनटीपीसी ने बयान में कहा कि 65 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत एमजीआर प्रणाली एनटीपीसी लारा से कम लागत और विश्वसनीय बिजली उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इससे देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी.

बयान के अनुसार, 2,071 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित एमजीआर प्रणाली का उपयोग एनटीपीसी की तलाईपल्ली कोयला खदान से छत्तीसगढ़ में 1,600 (2 गुणा 800) मेगावाट एनटीपीसी लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन तक कम लागत और उच्च श्रेणी के कोयले को पहुंचाने के लिए किया जाएगा.

यह प्रतिष्ठित परियोजना हावड़ा-मुंबई मुख्य रेलवे लाइन से भी जुड़ी होगी, जिसका उपयोग देश के अन्य हिस्सों में कोयले के परिवहन के लिए किया जा सकता है.

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