प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ये बेहद जरूरी है कि देश में सभी को सुलक्ष तरीके से न्याय मिले. उन्होंने ये बात कानूनी सहायता वितरण तंत्र को मजबूत करने को लेकर आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में कही. इस खास मौके पर देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने पीएम मोदी को सम्मानित भी किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि मुझे संतोष है कि आज लोक अदालतों और प्री-लिटिगेशन सेटलमेंट के माध्यम से लाखों विवादों का त्वरित, सौहार्दपूर्ण और कम लागत पर समाधान हो रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करने में कानूनी सहायता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि न्याय सभी के लिए सुलभ हो. भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कानूनी सहायता रक्षा परामर्श प्रणाली के तहत, केवल तीन वर्षों में लगभग 800,000 आपराधिक मामलों का समाधान किया गया है.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार के इन प्रयासों से देश के गरीबों, दलितों, पीड़ितों, शोषितों और वंचित वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित हुआ है.जैसा कि मैंने पहले कहा है, व्यापार करने में आसानी और जीवन जीने में आसानी तभी संभव है जब न्याय में आसानी भी सुनिश्चित की जाएगी.
पीएम मोदी ने इस खास मौके पर कहा कि बीते 11 वर्षों में हमारी सरकार का फोकस इज ऑफ डूइंग बिजनेस और इज ऑफ लिविंग पर रहा है. हम इसे लेकर मजबूती के साथ कदम उठा रहे हैं. बिजनेस के लिए 40 हजार से अधिक गैर-जरूरी चीजों को हटाया गया है. जन विश्वास माध्यम से 400 से ज्यादा कानूनी धारा को डी-क्रिमिनलाइज किया गया है. दशकों से चले आ रहे कानूनों को भारतीय न्याय संहिता से बदला गया है.














