- पीएम मोदी ने भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार 2030 से पहले ही 100 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद जताई
- भारत-रूस इकोनमी समिट में जब पीएम मोदी यह बात कह रहे थे, तब रूसी राष्ट्रपति पुतिन मुस्कुरा रहे थे
- पीएम मोदी ने रूसी कंपनियों को भारत में मैन्यूफैक्चरिंग करने और साझेदारी बढ़ाने का न्योता दिया है
भारत यात्रा पर आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ इंडो-रूस इकोनॉमी समिट को संबोधित करते हुए एक मौका ऐसा भी आया, जब प्रधानमंत्री मोदी की बात पर पुतिन मुस्कुराते नजर आए. रूस से व्यापार कम करने के अमेरिका के दबाव को दरकिनार करते हुए पीएम मोदी ने पुतिन के देश से 100 अरब डॉलर के व्यापार का लक्ष्य समय से पहले हासिल करने की उम्मीद जताई.
समिट में पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन और मैंने साल 2030 तक 100 बिलियन डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखा था. लेकिन कल से जो मेरी बात हो रही है और जो पोटेंशियल इस वक्त नजर आ रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि हमें इसके लिए 2030 तक इंतजार करना पड़ेगा.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं साफ देख पा रहा हूं कि हम उस लक्ष्य को समय से पहले ही पार करने की तरफ बढ़ रहे हैं. इसे लेकर मेरा विश्वास और बढ़ता जा रहा है. जब पीएम मोदी ये बात कह रहे थे, बराबर में बैठे रूसी राष्ट्रपति मंद मंद मुस्कुरा रहे थे.
इस दौरान पीएम मोदी ने रूसी कंपनियों को भारत में मैन्यूफैक्चरिंग करने का न्योता भी दिया और कहा कि आइए और भारत में बनाइए, भारत के साथ साझेदारी कीजिए. उन्होंने कहा कि चाहे कारोबार हो या कूटनीति, किसी भी साझेदारी की नींव आपसी विश्वास होती है.
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उन्होंने कहा कि भारत-रूस संबंधों की सबसे बड़ी ताकत यही विश्वास है. यही विश्वास हमारी साझा कोशिशों को दिशा देता है और गति भी प्रदान करता है. यही वह बिंदु है, जो नई ख्वाहिशों और सपनों की उड़ान के लिए प्रेरणा देता है.
इस दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस विभिन्न क्षेत्रों में भारत के साथ बहुआयामी संबंधों को और मजबूत करने के पक्ष में है. उन्होंने यह भी कहा कि रूसी कंपनियां भारत से विभिन्न तरह के सामान और सेवाओं की खरीद बढ़ाने को तैयार हैं.













