"कांग्रेस को अब काले जादू का लेना पड़ रहा सहारा": संसद में विपक्ष के ब्लैक प्रोटेस्ट पर बोले पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि वो क्या ऐसा करके लोकतंत्र के मंदिर को अपमानित करना चाहते हैं. देश के कानून व्यवस्था को अपमानित करना चाहते हैं. क्या वो राहुल गांधी द्वारा ओबीसी के लिए जो अपशब्द कहे गए हैं, उसे उचित सिद्ध करना चाहते हैं?'

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नई दिल्ली:

आपराधिक मानहानि केस (Defamation Case) में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की लोकसभा सदस्यता रद्द हो गई है. इसके बाद संसद में सोमवार को विपक्ष ने सोमवार को ब्लैक प्रोटेस्ट किया. इसमें 17 विपक्षी दल शामिल हुए. सोनिया गांधी भी काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचीं. उधर, लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने भारी हंगामा किया. एक सांसद तो लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के आसन तक पहुंच गया और काला कपड़ा लहराने लगा. यह देख स्पीकर सभा को स्थगित कर चले गए. अब इस पूरे मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. गोयल ने कहा- 'कांग्रेस का मनोबल इतना गिरा है कि अब उसे काले जादू का सहारा लेना पड़ रहा है.'

पीयूष गोयल ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'आज वो संसद में काले कपड़े पहनकर आए थे. वो कब तक ऐसी छोटी राजनीति करते रहेंगे. ऐसे समय में अब कांग्रेस के पास सिर्फ काला जादू ही रह गया है. कांग्रेस पूरी तरह से जनता का भरोसा खो चुकी है.

गोयल ने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि वो क्या ऐसा करके लोकतंत्र के मंदिर को अपमानित करना चाहते हैं. देश के कानून व्यवस्था को अपमानित करना चाहते हैं. क्या वो राहुल गांधी द्वारा ओबीसी के लिए जो अपशब्द कहे गए हैं, उसे उचित सिद्ध करना चाहते हैं?'

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स्पीकर ने सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाई
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, 'कांग्रेस के एक नेता ने बयान दिया. कहा कि राहुल गांधी माफी मांग लीजिए. विषय को खत्म कीजिए. लेकिन ये उनका अभिमान था. उनका घमंड था. उन्होंने माफी नहीं मांगी. ऐसी मानसिकता इन लोगों की पहले भी थी. आज भी है और आगे भी रहेगी' पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गांधी की संसद से सदस्यता शीर्ष अदालत के निर्णय के आधार पर गई है. स्पीकर ने इस मामले में सिर्फ अपनी जिम्मेदारी निभाई है. 

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अपील के लिए समय न दिए जाने का आरोप सही नहीं
चूंकि आपराधिक मामलों में दो साल या उससे अधिक की सजा दिए जाने पर उसी पल सदन से सदस्यता खत्म हो जाती है. इसलिए कांग्रेस नेता को अपील का समय न दिए जाने का आरोप सही नहीं है. 

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पहले भी नेताओं की गई है सदस्यता
पीयूष गोयल ने आगे कहा कि राहुल गांधी से पहले 6 अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं की सदस्यता भी गई है. उस समय न तो इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया गया है और न ही उसके खिलाफ कभी संसद में ऐसे विरोध-प्रदर्शन हुए हैं.

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