अगले 20 वर्षों तक भारत को सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बनाये रखना प्राथमिकता: पीयूष गोयल

वाणिज्य मंत्रालय का आंकलन है कि अगले दो साल के अंदर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को भारत-ब्राजील व्यापार वार्ता को सम्बोधित करते हुए एक बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून, 2025 के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.8% रही, जो दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है. पिछले 4 वर्षों से हम सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बने हुए हैं और हमारा प्रयास है कि कम से कम अगले 20 वर्षों तक हम सबसे तेज़ी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहें.

इस द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन और रक्षा मंत्री जोस मुसियो मोंटेइरो फिल्हो भी मौजूद थे.IMF ने हाल ही में इस वर्ष भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.4% से बढ़ाकर 6.6% कर दिया है.पीयूष गोयल ने IMF की रिपोर्ट का ज़िक्र करते हुए कहा कि अभी सिर्फ दो दिन पहले ही अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) प्रमुख ने कहा है - "मैं भारत के सुधारों के साहसपूर्ण प्रयासों के कारण बहुत उत्साहित हूं.

पीयूष गोयल ने मोदी सरकार की विकास की रणनीति का हवाला देते हुए कहा कि भारत की विकास गाथा तीन मजबूत स्तंभों पर टिकी है. पहला स्तंभ - मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी ढांचे का निर्माण है. सरकार ने निम्न मुद्रास्फीति को बनाए रखा है, निरंतर विकास सुनिश्चित किया है, बैंकिंग प्रणाली को मजबूत किया है और दुनिया में सबसे मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार में से एक बनाया है. दूसरा, स्तंभ देश के सुदूर कोनों तक आधुनिक, उच्च-गुणवत्ता वाला बुनियादी ढांचा पहुंचाने पर केंद्रित है. उन्होंने कहा कि अच्छा बुनियादी ढांचा प्रतिस्पर्धात्मकता की नींव है और पूरे भारत में समान विकास का वाहक है. तीसरा स्तंभ लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने पर केंद्रित है. सरकार ने मध्यम वर्ग पर आयकर का बोझ कम किया है और व्यावसायिक प्रक्रिया को आसान करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर (GST) प्रणाली को सरल बनाया है.

वाणिज्य मंत्रालय का आंकलन है कि अगले दो साल के अंदर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा.भारतीय और ब्राज़ील के बड़े उद्योगपतियों को सम्बोधित करते हुए वाणिज्य मंत्री ने कहा कि सरकार दुनिया के कई बड़े और विकसित देशों के साथ अपने व्यापारिक संबंधों और निवेश साझेदारियों का विस्तार पर फोकस कर रही है. विकसित देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) उस आत्मविश्वास को परिभाषित कर रहे हैं जिसके साथ भारत दुनिया के साथ व्यापार करता है. इसकी वजह से भारत का कारोबार दुनिया भर के देशों में फैल रहा है.

वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार ब्राजील के उपराष्ट्रपति गेराल्डो अल्कमिन और भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दोनो पक्षों के बीच नई दिल्ली में बैठक के अवसर पर व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत और मर्कोसुर के बीच 17 जून 2003 को हस्ताक्षरित रूपरेखा समझौते को याद करते हुए. जिसका उद्देश्य संबंधों को मजबूत करना और विश्व व्यापार संगठन के नियमों और अनुशासनों के अनुरूप व्यापार के विस्तार को बढ़ावा देना था. उन्होंने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि समझौते का विस्तार व्यापक होना चाहिए, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार के एक महत्वपूर्ण हिस्से को शुल्क वरीयताओं से लाभान्वित करना हो. समझौते के विस्तार में व्यापार और आर्थिक साझेदारी से संबंधित शुल्क और गैर-शुल्क दोनों मुद्दों को शामिल किया जाना चाहिए. वार्ता प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों की सक्रिय भागीदारी को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. 

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