नांदेड़ (महाराष्ट्र):
मरीज़ों के नातेदार रोज़मर्रा के काम - दांत मांजना, बर्तन-कपड़े धोना - कर रहे हैं, और उन्हीं के पास सूअर घूम रहे हैं. यह दृश्य है मध्य महाराष्ट्र स्थित नांदेड़ के उसी अस्पताल का, जिसमें 48 घंटे में हुई 31 मरीज़ों की मौत सुर्खियों में बनी हुई है.
नांदेड़ के इस अस्पताल में हुई इन मौतों के बाद चर्चा में आए मुद्दों में स्वच्छता की कमी का मुद्दा भी प्रमुख रूप से उठाया गया, जिसकी झलक बुधवार को देखने को मिली.
डॉ शंकरराव चव्हाण राजकीय मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की नालियां प्लास्टिक को बोतलों और रैपरों से अटी पड़ी दिखीं, जबकि कचरे के ढेरों पर सूअर विचरते नज़र आए.
वहीं नल पर बर्तन धो रही एक महिला ने हाथ रोककर NDTV को बताया, "यहां तो रोज़ का यही हाल होता है..."
एक अन्य महिला का कहना था, "हम यहां टॉयलेट भी इस्तेमाल नहीं कर सकते... हमें यहां कुछ नहीं मिल पाता है, और हर काम के लिए हमें बाहर ही जाना पड़ता है..."