तस्वीरें : रक्षा निकाय की सात मंजिला बिल्डिंग का रिकॉर्ड 45 दिनों में हुआ निर्माण

एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADE) में फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (FCS) कॉम्प्लेक्स नाम की सात मंजिला इमारत का निर्माण हुआ, क्षेत्रफल 1.3 लाख वर्ग फुट

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रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने रिकॉर्ड 45 दिनों में सात मंजिला इमारत बनाई है.
नई दिल्ली:

बेंगलुरु में एक सात मंजिला इमारत का निर्माण 45 दिनों में पूरा कर लिया गया. यह निर्माण पूरी तेजी के साथ पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमान कार्यक्रम के लिए किया गया है. गुरुवार को बेंगलुरु में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस इमारत का उद्घाटन किया. रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इन-हाउस विकसित हाइब्रिड प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रिकॉर्ड 45 दिनों में सात मंजिला इमारत का निर्माण किया है. इसका उपयोग पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) के विकास के लिए अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं के रूप में किया जाएगा.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज बेंगलुरु में भवन का उद्घाटन किया.

एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADE) में फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम (FCS) कॉम्प्लेक्स एक सात मंजिला इमारत है, जिसका क्षेत्रफल 1.3 लाख वर्ग फुट है.

डीआरडीओ ने एडीई बेंगलुरु में उड़ान नियंत्रण प्रणाली के लिए एक बहु-मंजिला (जी 6) बुनियादी ढांचे का निर्माण पूरा कर लिया है. इसमें पारंपरिक, पूर्व-इंजीनियर और प्रीकास्ट पद्धति से युक्त इन-हाउस विकसित हाइब्रिड तकनीक है.

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डीआरडीओ के अधिकारियों ने कहा कि, "इमारत का उपयोग एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ADE) बेंगलुरु द्वारा किए जा रहे एएमसीए के लिए लड़ाकू विमानों और उड़ान नियंत्रण प्रणाली (FCS) के लिए एवियोनिक्स के विकास के लिए किया जाएगा.” 

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इस परियोजना की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई थी.

उन्होंने कहा कि वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (ADE) बेंगलुरु द्वारा उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) और उड़ान नियंत्रण प्रणाली (FCS) के लिए एवियोनिक्स विकसित करने, अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों का समर्थन करने के लिए स्टेट ऑफ आर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का निर्णय लिया गया था. केवल 45 दिनों की कम से कम समय सीमा में समग्र निर्माण प्रौद्योगिकी के माध्यम से बुनियादी ढांचा तैयार हुआ.

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इस परियोजना की आधारशिला 22 नवंबर, 2021 को रखी गई थी, और वास्तविक निर्माण एक फरवरी, 2022 को शुरू हुआ था. एक अधिकारी ने कहा कि "हाइब्रिड निर्माण तकनीक के साथ सात मंजिलों की एक स्थायी इमारत को पूरा करने का यह एक अनूठा रिकॉर्ड है. यब भवन उपयोग के लिए तैयार स्थिति में भी है. देश के निर्माण उद्योग के इतिहास में यह पहली बार हुआ है." 

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हाइब्रिड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी में स्ट्रक्चरल फ्रेम के कॉलम और बीम एलिमेंट्स स्टील प्लेट्स से बनाए जाते हैं, कॉलम खोखले स्टील ट्यूबलर सेक्शन के होते हैं. ये कॉलम कंक्रीट से भरे स्टील के खोखले क्रॉस-सेक्शन हैं.

स्लैब आंशिक रूप से प्रीकास्ट होते हैं और इन सभी संरचनात्मक चीजों को साइट पर इकट्ठा किया जाता है. कंक्रीटिंग एक साथ की जाती है ताकि संरचना को अखंडित रूप से कास्ट किया जा सके और इस प्रकार किसी भी ड्राई ज्वाइंट को समाप्त किया जा सके, जैसा कि प्रीकास्ट निर्माण के मामले में होता है.

स्लैब आंशिक रूप से प्रीकास्ट हैं और सभी संरचनात्मक चीजों को साइट पर इकट्ठा किया गया था.

कंक्रीट से भरे खोखले सेक्शन के मामले में स्टील कंक्रीट कोर को एक स्थायी ढांचा प्रदान करता है जो पारंपरिक निर्माण की तुलना में समय और मेहनत को काफी कम करता है.

स्टेट ऑफ आर्ट भवन में मानक राष्ट्रीय भवन कोड के अनुसार विद्युत प्रणाली और अग्नि सुरक्षा के साथ-साथ वीआरएफ एयर कंडीशनिंग प्रणाली भी स्थापित की गई है.

प्रासंगिक आईएस कोड और अन्य स्टेंडर्ड के अनुसार सभी संरचनात्मक डिजाइन मानदंडों का पालन किया गया है. आईआईटी मद्रास और आईआईटी रुड़की की टीमों द्वारा डिजाइन जांच और तकनीक में सहायता प्रदान की गई है.

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