समंदर, चीन, रक्षा समझौता... फिलीपींस के राष्ट्रपति की 5 दिनों की भारत यात्रा आज से शुरू, जानें अहम क्यों

Philippines President Marcos 5-day India visit: फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर 4 से 8 अगस्त तक भारत की यात्रा पर रहेंगे. इस दौरान वह राष्ट्रपति मुर्मू से मुलाकात करेंगे और PM मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.

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भारत के पीएम नरेंद्र मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस
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  • फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर 4 अगस्त को भारत की 5 दिवसीय राजकीय यात्रा पर दिल्ली पहुंचेंगे.
  • इस यात्रा का मकसद भारत और फिलीपींस के बीच रक्षा और समुद्री सुरक्षा सहयोग को और मजबूत बनाना है.
  • PM मोदी और राष्ट्रपति मार्कोस पांच अगस्त को द्विपक्षीय वार्ता कर दोनों देशों के सहयोग पर चर्चा करेंगे.
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Philippines President Marcos 5-day India visit: फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर. मार्कोस जूनियर 4 अगस्त को भारत की पांच दिवसीय राजकीय यात्रा के लिए दिल्ली पहुंचेंगे. इस यात्रा का उद्देश्य रक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत और फिलीपींस के बीच सहयोग को और मजबूत करना है. राष्ट्रपति बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर 5 अगस्त को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस दौरान दोनों नेता आपसी सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे. राष्ट्रपति मार्कोस, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी उनसे भेंट करेंगे.

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि राष्ट्रपति मार्कोस के साथ उनकी पत्नी, प्रथम महिला लुईस अरनेटा मार्कोस भी होंगी. उनके साथ फिलीपींस सरकार के कई कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, खास मेहमान और व्यापार प्रतिनिधियों का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आएगा. राष्ट्रपति मार्कोस नई दिल्ली में कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे और अपनी यात्रा के अंतिम चरण में बेंगलुरु भी जाएंगे.

क्यों खास है भारत-फिलिपींस के रिश्ता

भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और फिलीपींस के बीच राजनयिक संबंध नवंबर 1949 में स्थापित हुए थे. तब से दोनों देशों ने व्यापार और निवेश, रक्षा, समुद्री सहयोग, कृषि, स्वास्थ्य, दवाओं और डिजिटल तकनीक जैसे कई क्षेत्रों में मजबूत साझेदारी बनाई है. इसके अलावा, दोनों देश क्षेत्रीय मंचों पर भी मिलकर काम करते हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि फिलीपींस के साथ भारत के रिश्ते "एक्ट ईस्ट" नीति, "विजन सागर" (समुद्र क्षेत्र की रणनीति), और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण का अहम हिस्सा हैं. राष्ट्रपति मार्कोस की यह राजकीय यात्रा भारत-फिलीपींस के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर हो रही है, जो इन संबंधों को और मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है.

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पिछले साल सिंगापुर में शांगरी-ला संवाद के दौरान दिए गए अपने भाषण में राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने कहा था कि फिलीपींस भारत जैसे सहयोगियों के साथ अपने रिश्ते और सहयोग को मजबूत करना चाहता है. विदेश मंत्रालय ने इस राजकीय यात्रा को एक अहम मौका बताते हुए कहा कि यह भारत और फिलीपींस को भविष्य में सहयोग के नए रास्ते तय करने और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर मिलकर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर देगा.

दोनों देशों को संस्कृति भी जोड़ती है

यह रिश्ता न केवल रणनीतिक हितों पर बल्कि गहरे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी आधारित है. तागालोग भाषा में संस्कृत मूल के कई शब्द शामिल हैं, और लगुना कॉपरप्लेट शिलालेख और अगुसन तारा प्रतिमा जैसी पुरातात्विक खोजें सदियों पुराने संबंधों की गवाही देती हैं.

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समंदर और चीन वाला एंगल

भारतीय नौसेना और फिलीपींस के बीच रक्षा सहयोग लगातार मजबूत होता जा रहा है. इस सहयोग के तहत भारतीय नौसेना के जहाज अक्सर फिलीपींस का दौरा करते हैं, जबकि भारत भी अपने बंदरगाहों को फिलीपींस के जहाज़ों के रखरखाव के लिए उपलब्ध कराता है. 30 जुलाई को भारतीय नौसेना के तीन जहाज आईएनएस मैसूर, आईएनएस किल्टन और आईएनएस शक्ति फिलीपींस के दौरे पर पहुंचे. वहां फिलीपींस की नौसेना ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. फिलीपींस की सेना ने सोमवार को कहा कि भारतीय नौसेना के इन तीनों युद्धपोतों ने पहली बार अपने फिलीपीन के युद्धपोतों के साथ विवादित दक्षिण चीन सागर के क्षेत्रों में गश्त शुरू कर दी है.

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विवादित जलमार्ग पर सिलसिलेवार झड़पों के बाद फिलीपींस ने पिछले साल कई सहयोगियों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया है. दरअसल बीजिंग लगभग संपूर्ण दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि कि अंतरराष्ट्रीय फैसले हैं कि चीन के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है. 

विदेश मामलों के सहायक सचिव इवांगेलिन ओंग जिमेनेज-डुक्रोक के अनुसार, भारत में मार्कोस द्वारा कानून, संस्कृति और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में समझौते पर हस्ताक्षर करने की उम्मीद है, लेकिन सभी की निगाहें किसी भी संभावित रक्षा समझौते पर होंगी. फिलीपींस ने पहले भारत से ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें खरीदी हैं, एक हथियार जिसकी अधिकतम गति 3,450 किलोमीटर (2,140 मील) प्रति घंटा है.

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