राज्यों की सहमति पर जीएसटी के दायरे में लाए जा सकते हैं पेट्रोलियम उत्पाद : निर्मला सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर प्रावधान पहले से उपलब्ध है, मेरे पूर्ववर्ती ने इस संदर्भ में विकल्प खुला रखा है

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि राज्यों के सहमत होने पर पेट्रोलियम उत्पादों को माल एवं सेवा कर (GST) के तहत लाया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ साल से सरकार का प्रयास आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के इरादे से सार्वजनिक व्यय में वृद्धि करने का रहा है. उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) के सदस्यों के साथ बजट पश्चात बैठक में वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर प्रावधान पहले से उपलब्ध है. मेरे पूर्ववर्ती ने इस संदर्भ में विकल्प खुला रखा है.''

पांच पेट्रोलियम उत्पाद...कच्चा तेल, पेट्रोल, हाई स्पीड डीजल, प्राकृतिक गैस और विमान ईंधन जीएसटी से बाहर हैं. इन उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने की तिथि के बारे में माल एवं सेवा कर परिषद को विचार करना है. उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों के सहमत होने के बाद, हम पेट्रोलियम उत्पादों को भी जीएसटी के दायरे में लाएंगे....''

जीएसटी परिषद की अगली बैठक 18 फरवरी, 2023 को नई दिल्ली में होगी. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में पूंजीगत व्यय 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया है. उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन-चार साल से, सार्वजनिक पूंजी व्यय पर जोर रहा है. हमने इस बजट में भी इसे जारी रखा है...यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि इस बजट में जोर पूंजी व्यय पर है.''

निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘‘पिछले कई साल में यह पहली बार है जब पूंजीगत व्यय दहाई अंक में पहुंचा है. यह बताता है कि बजट में किसी चीज को महत्व दिया गया है.'' उन्होंने कहा कि राज्यों को बिजली समेत विभिन्न क्षेत्रों में सुधारों को बढ़ावा देने और एक देश, एक राशन कार्ड लागू करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है.

Featured Video Of The Day
Nitish Kumar Hijab Controversy: Nitish Kumar के गले की फांस बना 'हिजाब'? | Sawaal India Ka
Topics mentioned in this article