विपक्षी मुख्यमंत्रियों पर बरसे केंद्रीय मंत्री, कहा- 'शराब के बदले ईंधन पर करें VAT कटौती, सस्ता हो जाएगा पेट्रोल'

पीएम मोदी ने कल कहा था कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा. वैट कम करके आप नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाए. पीएम मोदी के इस बयान पर विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने सवाल उठाए थे.

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महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर 32.15 रुपये और राजस्थान ने 29.10 रुपये कर लगाया है.
नई दिल्ली:

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों द्वारा केंद्र सरकार पर लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है. मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि अगर विपक्षी शासित राज्य आयातित शराब के बदले ईंधन पर करों की कटौती करते हैं, तो पेट्रोल सस्ता हो जाएगा. उन्हें एक पोस्ट करते हुए लिखा कि "विपक्ष शासित राज्य अगर आयातित शराब के बदले ईंधन पर टैक्स कम करते हैं,  तो पेट्रोल सस्ता होगा! मंत्री ने आगे लिखा कि महाराष्ट्र सरकार ने पेट्रोल पर ₹32.15/लीटर और कांग्रेस शासित राजस्थान ने इस पर ₹29.10/लीटर कर लगाया है, लेकिन बीजेपी शासित उत्तराखंड में केवल ₹14.51/लीटर और उत्तर प्रदेश में ₹16.50/लीटर ही टैक्स है. विरोध प्रदर्शन करने से फैक्ट नहीं बदल जाएंगे!"

वहीं एक ट्वीट करते हुए हरदीप सिंह पुरी ने लिखा कि, महाराष्ट्र सरकार ने साल 2018 से फ्यूल टैक्स के रूप में 79,412 करोड़ रुपए इकट्ठा किए हैं और इस साल 33,000 करोड़ रुपए एकत्र करने का अनुमान है. लोगों को राहत देने के लिए वे पेट्रोल और डीजल पर वैट क्यों नहीं घटाती है?

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दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने बुधवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश में कोविड-19 की स्थिति पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की थी. इस दौरान पीएम ने पेट्रोल और डीजल की कीमत को लेकर भी चर्चा की थी. उन्होंने कहा था कि नागरिकों पर पड़ रहे बोझ को राज्य सरकार वैट कम कर के कम करें. पीएम ने कहा था कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड, तमिलनाडु ने किसी न किसी कारण से केंद्र सरकार की बातों को नहीं माना और उन राज्य के नागरिकों पर बोझ पड़ता रहा. मेरी प्रार्थना है कि नंवबर में जो करना था, अब वैट कम करके आप नागरिकों को इसका लाभ पहुंचाएं. पीएम मोदी के इस बयान पर विपक्षी मुख्यमंत्रियों ने सवाल उठाए थे और केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीजल के दामों के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

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