जानेमाने पुरातत्वविद् के. के. मुहम्मद ने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के उस समय के दौरे को याद किया जब वह (मुशर्रफ) ताजमहल के वास्तुशिल्प से इतने प्रभावित हुए थे कि उन्होंने स्मारक को देखकर पहला सवाल यह पूछा था कि “इसे किसने बनाया.' मुहम्मद 2001 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) में आगरा सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् थे. उस समय मुशर्रफ ने आगरा शिखर सम्मेलन के लिए भारत का दौरा किया था. मुशर्रफ का रविवार को एक लाइलाज बीमारी से वर्षों तक जूझने के बाद दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह 79 वर्ष के थे.
पाकिस्तानी जनरल के स्मारक के लगभग घंटे भर के दौरे को याद करते हुए मुहम्मद ने रविवार को पीटीआई-भाषा को बताया, “ताजमहल ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि पहला सवाल उन्होंने मुझसे पूछा कि ‘इसे किसने बनाया'.” शायद उन्होंने शाहजहां सुनने की उम्मीद की होगी, लेकिन मैंने उनसे कहा कि (ताजमहल के) डिजाइनर उस्ताद अहमद लाहौरी थे, जो पाकिस्तान के लाहौर से ताल्लुक रखते थे.
दोपहर के लगभग 3 बज रहे थे जब वह ताजमहल के पूर्वी द्वार पर पहुंचे थे. अभिवादन का आदान-प्रदान करने के बाद, मैंने उन्हें जो पहली बात बताई, वह स्मारक के ऑप्टिकल भ्रम के बारे में थी." वह काफी प्रभावित थे. उनका अगला सवाल था 'ताजमहल जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?'' मैंने उनसे कहा कि अलग-अलग चीजों पर निर्भर करता है. डूबता हुआ सूरज सफेद पत्थर पर एक अद्भुत प्रभाव पैदा करता है और यह उस समय अद्भुत दिखता है.
मोहम्मद ने कहा कि जब उन्हें पता चला कि शाहजहां और मुमताज़ महल का विवाह समारोह लाहौर के किले में आयोजित किया गया था, जो मुगल सम्राट का जन्मस्थान भी था. तो उन्हें काफी अच्छा लगा था.
मोहम्मद को मुशर्रफ को ताजमहल की सुंदरता और विशिष्टता से अवगत कराने के लिए आधिकारिक टूर गाइड बनाया गया था. वह 2012 में एएसआई के क्षेत्रीय निदेशक (उत्तर) के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.