"लोग राशन खरीदते हैं, लेकिन बीजेपी विधायक खरीदती है": झारखंड के मुख्यमंत्री

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में विश्वास मत पेश किया

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यदि सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाता है, तो वे मुख्यमंत्री के पद पर नहीं बने रह सकेंगे.
रांची:

झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren), जिनके राजनीतिक भविष्य पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण काले बादल आए हुए हैं, ने आज विधानसभा में अपना बहुमत साबित किया. सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने आरोप लगाया कि भाजपा (BJP) इंजीनियरिंग दोषों के जरिए राज्य सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है. हेमंत सोरेन ने विधानसभा को संबोधित करते हुए विपक्षी भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए दंगों को हवा देकर देश में "गृहयुद्ध जैसी स्थिति" बनाने के प्रयास करने का आरोप लगाया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि असम के उनके समकक्ष हिमंत बिस्वा सरमा उनकी सरकार को गिराने के लिए "झारखंड के विधायकों को खरीदने" में शामिल थे.

मुख्यमंत्री ने विधानसभा में भाजपा विधायकों की नारेबाजी को लेकर कहा, "विपक्ष ने लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है. भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त में लिप्त रही है. हम सदन में अपनी ताकत दिखाएंगे."

उन्होंने आरोप लगाया, "हमने लोगों के कपड़े, राशन, किराना खरीदने के बारे में सुना है, लेकिन केवल भाजपा है जो विधायकों को खरीदने में लगी है."

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सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक कल कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ से एक विशेष उड़ान से राज्य की राजधानी रांची पहुंचे. कथित रूप से बीजेपी की खरीद-फरोख्त की शिकार होने से रोकने के लिए इन विधायकों को छत्तीसगढ़ में एक लक्जरी रिसॉर्ट में रखा गया था. विधायकों ने वहां से लौटकर राज्य के गेस्ट हाउस में एक साथ रात बिताई और आज उन्हें सीधे विधानसभा ले जाया गया. 

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संवाददाताओं के यह पूछे जाने पर कि वे विश्वास मत क्यों साबित कर रहे हैं, हेमंत सोरेन ने कहा, "विश्वास मत किसे चाहिए? विपक्ष?" उन्होंने कहा कि "विपक्ष ने मुझे गिराने के लिए साजिशों का जाल फैलाया है. वे अपने स्वयं के बनाए जाल में फंस जाएंगे."

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विपक्षी भाजपा का कहना है कि हेमंत सोरेन को एक विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने खुद खनन पट्टा लेकर चुनावी मानदंडों का उल्लंघन किया है. पार्टी ने नए सिरे से चुनाव का आह्वान किया है और मांग की है कि मुख्यमंत्री "नैतिक आधार पर" इस्तीफा दें.

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यदि सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य घोषित किया जाता है, तो वे मुख्यमंत्री के पद पर नहीं बने रह सकेंगे.

सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा पर संकट का फायदा उठाने और सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों को महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों के पैटर्न पर लुभाकर चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है.

चुनाव आयोग ने राज्यपाल को अपनी राय सौंप दी है. सोरेन पर राज्यपाल किसी भी दिन अपने फैसले की घोषणा कर सकते हैं.

सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 81 सदस्यीय विधानसभा में 49 विधायक हैं जबकि बहुमत का आंकड़ा 41 है. सबसे बड़ी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30, कांग्रेस के 18 और तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का एक विधायक है. मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पास 26 विधायक हैं.

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