देश के 12 से ज्यादा राज्यों में बिजली संकट और भीषण लू के कहर के बीच देश में बिजली की मांग ने अभी तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. खुद ऊर्जा मंत्रालय ( Power Ministry) ने माना है कि भारत में पीक पॉवर डिमांड (Power Demand) अब तक के सबसे रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. शुक्रवार को ऊर्जा की मांग 207111 मेगावॉट के स्तर पर पहुंच गई. मंत्रालय ने एक ट्वीट कर कहा, ऑल टाइम हाई डिमांड शुक्रवार दोपहर 2.50 बजे 207111 मेगावॉट के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. बिजली की ये रिकॉर्ड मांग दिल्ली, उत्तर भारत समेत देश के बड़े इलाके में जानलेवा लू (Delhi NCR Heatwave) के कहर के बीच सामने आई है.
माना जा रहा है कि अप्रैल में ही दिल्ली, यूपी समेत बड़े इलाकों में 11 दिनों से ज्यादा लू चलने के बीच बिजली की खपत बढ़ी है. लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच आयातित कोयले के दाम में भारी इजाफे से संकट और बढ़ा है. ज्यादातर बिजली संयंत्रों को पूरी क्षमता से उत्पादन के लिए कोयला नहीं मिल पा रहा है.थर्मल पॉवर प्लांट में कोयले के स्टॉक की कमी की खबरों के बीच केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि बिजली संयंत्रों में 2.2 करोड़ टन कोयला है, जो 10 दिनों के लिए पर्याप्त है. लगातार आपूर्ति भी बढ़ाई जा रही है.
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झारखंड, हरियाणा, बिहार, पंजाब, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में बिजली कटौती बढ़ती जा रही है. दिल्ली सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर कहा है कि बिजली की कमी से मेट्रो और अस्पतालों में बिजली की किल्लत पैदा हो सकती है. कोयला आपूर्ति बढ़ाने के लिए रेलवे ने 657 ट्रेन ट्रिप कैंसल कर दिया है, ताकि पावर प्लांट तक कोल रेक्स ज्यादा और जल्दी पहुंचाई जा सके. करीब 509 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 148 मेमू ट्रेन सेवाएं भी कैंसल कर दी गई हैं.