नई दिल्ली: भारत ने इजराइल और फलस्तीन से हिंसा का रास्ता छोड़ने और ऐसी एकतरफा कार्रवाई से बचने को कहा है जो द्वि-राष्ट्र समाधान की व्यवहार्यता को कमतर करता हो. फलस्तीन पर गुटनिरपेक्ष आंदोलन की मंत्रिस्तरीय समिति का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब जेनिन में इजराइली बलों के हमले के बाद बुधवार को फलस्तीनियों ने इजराइल की ओर रॉकेट दागे.
विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा, ‘‘हम इन पक्षों से हिंसा छोड़ने और जमीन पर ऐसी एकतरफा कार्रवाई से बचने की अपील करते हैं जो द्वि-राष्ट्र समाधान की व्यवहार्यता को कमतर करता हो और इनके बीच विश्वास की खाई को बढ़ाता हो.'' उन्होंने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) घोषणापत्र को लेकर भारत की कुछ आपत्तियां हैं, लेकिन वह द्वि-राष्ट्र समाधान निकालने के लिए इजराइल और फलस्तीन के बीच सीधी वार्ता शुरू करने को लेकर सभी प्रयासों को समर्थन देने को प्रतिबद्ध है.
वर्मा ने कहा कि क्षेत्र में स्थायी शांति तभी हासिल की जा सकती है जब फलस्तीन के सवाल का शांतिपूर्ण समाधान निकले. उन्होंने कहा कि भारत के फलस्तीन के साथ दीर्घकालिक संबंध हैं जो गहरे ऐतिहासिक और लोगों के बीच सम्पर्कों पर आधारित हैं. विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) ने कहा कि हमने बार-बार इस बात को दोहराया है कि बातचीत के माध्यम से एक सम्प्रभु, स्वतंत्र एवं व्यवहार्य देश के रूप में फलस्तीन की स्थापना के माध्यम से द्वि-राष्ट्र समाधान से ही स्थायी समाधान निकल सकता है, जिसमें इजराइल की जायज सुरक्षा चिंताओं को ध्यान में रखा जाए.
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