पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने कश्मीर में तीन सीटों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के नामों की रविवार को घोषणा की. पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद के खिलाफ अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी.
जम्मू कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट से मुफ्ती और आजाद के चुनावी मुकाबले में उतरने से इस नवगठित निर्वाचन क्षेत्र में लड़ाई रोचक हो गई है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने प्रभावशाली गुर्जर नेता मियां अल्ताफ अहमद को अनंतनाग-राजौरी से मैदान में उतारा है और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ने जफर इकबाल मन्हास को उम्मीदवार बनाया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस सीट के लिए अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.
पीडीपी संसदीय बोर्ड के प्रमुख सरताज मदनी ने रविवार को कश्मीर में तीन सीटों के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. पार्टी की युवा शाखा के अध्यक्ष वहीद पारा श्रीनगर से और पूर्व राज्यसभा सदस्य मीर फयाज बारामूला से चुनाव लड़ेंगे. मुफ्ती और मदनी ने संवाददाता सम्मेलन में पार्टी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की. उन्होंने कहा कि पीडीपी जम्मू क्षेत्र की दो सीटों उधमपुर और जम्मू में कांग्रेस का समर्थन करेगी.
पीडीपी अध्यक्ष ने एक सवाल पर कहा, ‘‘हमने संविधान और लोकतंत्र को बचाने की बड़ी लड़ाई में कांग्रेस का समर्थन करने का फैसला किया है.'' उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं बल्कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के कार्यकर्ताओं से भी मेरा समर्थन करने की अपील करूंगी ताकि हम जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवाज संसद तक पहुंचा सकें.''
मुफ्ती ने कहा, ‘‘अनंतनाग से राजौरी और पुंछ तक निर्वाचन क्षेत्र के सभी लोगों से मेरी अपील है कि वे एक साथ आएं क्योंकि हम एक महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. लोग बात नहीं कर सकते. बात करना अपराध बन गया है. अगर कोई आवाज उठाता है, तो उसे राष्ट्र-विरोधी करार दिया जाता है.''
पीडीपी के ‘इंडिया' गठबंधन के सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ चुनाव लड़ने पर मुफ्ती ने कहा कि गेंद अब नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के पाले में है. मुफ्ती ने कहा, ‘‘हमने फैसला फारूक अब्दुल्ला पर छोड़ दिया है. भले ही वे सभी सीटों पर चुनाव लड़ें हमें कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन उन्हें कम से कम हमसे बातचीत करनी चाहिए थी.''
पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी का घोषणापत्र लोगों की असली आवाज को दिल्ली तक ले जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दक्षिण कश्मीर निर्वाचन क्षेत्र में उनके खिलाफ अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर रही है.
मुफ्ती ने कहा, ‘‘दक्षिण कश्मीर निर्वाचन क्षेत्र में केंद्र अपनी पूरी ताकत झोंक रहा है. उन्होंने कुछ उम्मीदवारों को प्रत्यक्ष रूप से और कुछ को अप्रत्यक्ष रूप से खड़ा किया है. मैं हमेशा से एक योद्धा रही हूं और मैंने चुनौती स्वीकार करने का फैसला किया है.''
शनिवार को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन और जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के संस्थापक अल्ताफ बुखारी से भाजपा नेता तरुण चुघ की मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर मुफ्ती ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘आपने आजाद साहब की गिनती नहीं की है.''
उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र विचारों की लड़ाई है और लोग फैसला करते हैं. मेरा उनसे कोई निजी मसला नहीं है.''
कांग्रेस के घोषणापत्र पर पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने कहा कि यह पिछले 70 साल का सबसे अच्छा घोषणापत्र है. उन्होंने कहा, ‘‘यह दो करोड़ नौकरियों के बारे में नहीं, बल्कि 30 लाख नौकरियों के बारे में बात करता है. इसमें जुमले नहीं हैं बल्कि प्राप्त करने योग्य लक्ष्य हैं.''
यह पूछे जाने पर कि क्या वह जम्मू-कश्मीर के बाहर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' के लिए प्रचार करेंगी, पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि वह ऐसा नहीं कर सकतीं. उन्होंने कहा, ‘‘हम यहां जम्मू-कश्मीर में गठबंधन को मजबूत नहीं कर सके, जो बेहद भयावह स्थिति है. मैं अन्य जगहों के लोगों से क्या कहूंगी?''
मुफ्ती इससे पहले तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ चुकी हैं. वह 2004 और 2014 में जीत हासिल कर चुकी हैं. मुफ्ती को 1999 के आम चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला से हार का सामना करना पड़ा था.