पहाड़ की 'धाकड़' बेटियां: हाथों में दरांती की जगह थामा क्रिकेट का बल्ला, मैदान में छुड़ा रही हैं छक्के!

Uttarakhand Rural Women Cricket: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल स्थित बीरोंखाल में महिला सशक्तिकरण की एक नई मिसाल देखने को मिली है. यहां आयोजित ग्रामीण महिला क्रिकेट टूर्नामेंट में 40 गांवों की महिलाएं भाग ले रही हैं. इस आयोजन ने तब सबका ध्यान खींचा जब मैदान में सास-ससुर अपनी बहुओं का हौसला बढ़ाते नजर आए.

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पौड़ी के बीरोंखाल में क्रिकेट खेलती पहाड़ की महिलाएं.
NDTV Reporter

Uttarakhand News: उत्तराखंड के ऊंचे पहाड़ों पर इन दिनों कड़ाके की ठंड है, लेकिन पौड़ी जिले के बीरोंखाल में मैदान का पारा चढ़ा हुआ है. वजह कोई राजनीतिक रैली नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं का वह जोश है जो क्रिकेट के मैदान पर देखने को मिल रहा है. सालों तक खेतों में कुदाल चलाने वाली और जंगलों में दरांती से घास काटने वाली महिलाओं ने अब क्रिकेट बैट संभाल लिया है.

14 टीमें और 40 गांवों का जोश

21 दिसंबर से शुरू हुए इस अनोखे क्रिकेट टूर्नामेंट में कुल 14 टीमें हिस्सा ले रही हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि ये खिलाड़ी किसी प्रोफेशनल स्पोर्ट्स किट या जर्सी में नहीं, बल्कि अपनी रोजाना की सामान्य वेशभूषा में ही मैदान पर दनादन चौके-छक्के जड़ रही हैं. इस टूर्नामेंट में लगभग 40 गांवों की महिलाओं की भागीदारी है, जो यह साबित कर रही हैं कि हुनर किसी खास संसाधन का मोहताज नहीं होता.

सास-ससुर देख रहे मैच, मां-बेटी खेल रहीं साथ

इस आयोजन की सबसे खूबसूरत तस्वीर तब दिखी जब मैदान पर मां और बेटी एक साथ टीम के लिए रन बनाती नजर आईं. इतना ही नहीं, पहाड़ की उन रूढ़िवादी परंपराओं को तोड़ते हुए कई महिलाओं के सास-ससुर खुद अपनी बहुओं का हौसला बढ़ाने मैदान तक पहुंच रहे हैं. मैदान पर खेल रही महिलाओं का कहना है, 'हम दिन भर घर के काम और खेती-बाड़ी में जुटे रहते हैं. हमारे लिए यह टूर्नामेंट सिर्फ खेल नहीं, बल्कि अपनी पहचान बनाने और मनोरंजन का एक बेहतरीन जरिया है.'

इनामों की बौछार और कॉस्को बॉल का कमाल

यह टूर्नामेंट प्रोफेशनल नियमों के साथ कॉस्को बॉल (Cosco Ball) से खेला जा रहा है. आयोजकों ने खिलाड़ियों के उत्साह को बढ़ाने के लिए शानदार पुरस्कार भी रखे हैं. विजेता टीम को 12,000 रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा. वहीं, उपविजेता टीम को 6,000 रुपये की राशि से सम्मानित किया जाएगा. जबकि मैन ऑफ द मैच रहने वाली खिलाड़ी को हर मैच में ₹500 से ₹1000 तक का नकद पुरस्कार मिलेगा.

कुदाल से क्रिकेट बैट तक का सफर

पहाड़ी जीवन संघर्षों से भरा होता है. यहं की महिलाएं परिवार की रीढ़ होती हैं. सुबह घास काटना, मवेशियों की देखभाल और दिनभर खेती का काम. यह टूर्नामेंट उन्हीं महिलाओं को समर्पित है जो साल भर मेहनत करती हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि इस पहल से न केवल महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि ग्रामीण स्तर पर खेल संस्कृति और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ रही है.

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