हास्यास्पद है कि वो लोग पटेल की विरासत पर दावा ठोक रहे हैं: भाजपा पर बरसे खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कार्य समिति के शुरुआती संबोधन में भाजपा और संघ पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है.

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अहमदाबाद:

कांग्रेस ने मंगलवार को गुजरात की धरती से सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत पर अपने दावे को मजबूती से रखा और कहा कि देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री ‘हमारे सरदार' हैं और पार्टी उनके बताए रास्ते पर चलते हुए सांप्रदायिकता, धार्मिक ध्रुवीकरण और विभाजन की राजनीतिक के खिलाफ संघर्ष करने के लिए कमर कस चुकी है. मुख्य विपक्षी दल ने भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तीखा निशाना साधते हुए यह भी कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के रिश्तों को लेकर झूठ फैलाया गया, जबकि दोनों के बीच ‘‘अनोखी जुगलबंदी'' थी तथा दोनों नेताओं ने महात्मा गांधी की अगुवाई में साथ मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी तथा राष्ट्र का निर्माण किया.

पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना था कि यह हास्यास्पद है कि वो लोग पटेल की विरासत पर दावा ठोक रहे हैं जिनकी विचारधारा का उन्होंने विरोध किया था और उस पर प्रतिबंध भी लगाया था.

कांग्रेस ने दिया पटेल की विरासत पर जोर

कांग्रेस ने पटेल की विरासत पर अपने दावे पर ऐसे समय जोर दिया है जब भाजपा पटेल की विरासत को उसके साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है.

कांग्रेस के अधिवेशन से एक दिन पहले यहां ‘सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक' पर पार्टी की विस्तारित कार्य समिति की बैठक हुई जिसमें पटेल की विरासत पर जोर देने के साथ ही संगठन की मजबूती, विभिन्न राजनीतिकि विषयों और नौ अप्रैल को होने वाले अधिवेशन से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा की गई.

कांग्रेस में संगठनात्‍मक फेरबदल जल्‍द

बैठक के बाद कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी जल्द ही बड़े पैमाने पर संगठनात्मक फेरबदल करने जा रही है तथा जिला कांग्रेस कमेटियों (डीसीसी) को सशक्त बनाने से जुडे कदम जल्द उठाए जाएंगे.

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव जयराम रमेश, मुकुल वासनिक, गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शक्ति सिंह गोहिल और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए.

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बैठक में कार्य समिति के अन्य सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, राज्यों के कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भी इस बैठक में शामिल हुए.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी विदेश में होने के चलते इस बैठक में शामिल नहीं हो सकीं. पार्टी के संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने कहा कि प्रियंका गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष से अपनी अनुपस्थिति को लेकर पहले ही अनुमति ले ली थी.

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पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बैठक में कुल 35 नेता शामिल नहीं हो सके और ऐसे में सिर्फ एक (प्रियंका) को लेकर सवाल उठाना ठीक नहीं है. कार्य समिति की बैठक में कुल 158 नेता शामिल हुए.

भाजपा और संघ पर तीखा हमला बोला

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कार्य समिति के शुरुआती संबोधन में भाजपा और संघ पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है.

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उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल की विचारधारा संघ के विचारों के विपरीत थी और यह हास्यास्पद है कि आज इस संगठन के लोग सरदार पटेल की विरासत पर दावा करते हैं.

खरगे ने यह दावा भी किया कि आज सांप्रदायिक विभाजन के जरिये देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाया जा रहा है और सामंती एकाधिकार संसाधनों पर क़ब्ज़ा करते हुए शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं.

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उन्होंने संगठन की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए यह जरूरी है.

विस्तारित कार्य समिति की बैठक में पूर्व उप प्रधानमंत्री की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष प्रस्ताव भी पारित किया गया.

प्रस्ताव का शीर्षक ‘‘आजादी के झंडाबरदार - हमारे सरदार - वल्लभभाई पटेल'' है.

पटेल-नेहरू के परस्पर विरोधी होने का भ्रम फैलाया: कांग्रेस

कांग्रेस ने अपने प्रस्ताव में इस बात पर जोर दिया, ‘‘सांप्रदायिकता के उन्माद को रोकने वाले लौहपुरुष सरदार पटेल के मजबूत इरादों पर कांग्रेस संघर्ष को तैयार है.''

विपक्षी दल ने कहा, ‘‘टकराव और विभाजन की इसी विचारधारा ने झूठ, छल और प्रपंच का जाल फैलाया तथा षडयंत्र के तहत सरदार पटेल और पंडित नेहरू के परस्पर विरोधी होने का भ्रम फैलाया. यह भ्रम असल में हमला था, आजादी की लड़ाई पर भी तथा गांधी-नेहरू-पटेल की अगुवाई पर भी.''

उसका कहना है कि झूठ का यह मकड़जाल टिक नहीं पाया, क्योंकि सरदार पटेल ने स्वयं 3 अगस्त, 1947 को पंडित नेहरु को पत्र लिखा,, ‘‘एक दूसरे के प्रति हमारा जो अनुराग और प्रेम है तथा लगभग 30 वर्ष की हमारी जो अखंड मित्रता है, उसे देखते हुए औपचारिकता का हम दोनों के बीच कोई स्थान नहीं है... हमारी जोड़ी अटूट व अखंड है तथा यही हमारी शक्ति है''.

वैमनस्य-विभाजन को हराने की लड़ाई के लिए तैयार: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा, ‘‘आज प्रेम, मिलन और जुड़ाव की इस विचारधारा को सत्ताधारी ताकतें विभाजन और वैमनस्य में बदलने को आतुर हैं. इसीलिए, एक बार फिर, सरदार पटेल के इन्हीं जीवन सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए कांग्रेस वैमनस्य और विभाजन को हराने की लड़ाई के लिए तैयार है.''

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पटेल से संबंधित विशेष प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमारे प्रस्ताव से बिल्कुल साफ हो जाएगा कि सरदार पटेल जी और नेहरू जी में कैसी अनोखी जुगलबंदी थी. ये दोनों लोग आधुनिक भारत के निर्माता थे और उन्होंने गांधी जी के नेतृत्व में देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी.''

रमेश ने इस बात पर जोर दिया कि जो लोग सरदार पटेल और नेहरू के रिश्तों के बारे में झूठ फैलाते हैं, उन्हें यह पता होना चाहिए कि इन दोनों नेताओं का देश के निर्माण में बहुत बड़ा योगदान रहा है.

कार्य समिति की बैठक के बाद अब नौ अप्रैल को अधिवेशन होगा.

गुजरात में पार्टी का यह अधिवेशन 64 साल के बाद हो रहा है. इस अधिवेशन का विषय 'न्याय पथ : संकल्प, समर्पण, संघर्ष' होगा.
 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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