जेडीयू विधायकों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी को एनडीए से अलग कर लिया है. जिसके बाद से बिहार की राजनीति गर्म है. इधर बिहार से एनडीए के एक अन्य सहयोगी लोजपा पारस गुट के नेता पशुपति पारस ने कहा है कि वो हम लोग मोदी जी के साथ हैं और रहेंगे. उन्होंने एनडीए से बात करते हुए कहा कि नीतीश जी के लिए बीजेपी ने बहुत त्याग किया है.नीतीश जी को किया वादा बीजेपी ने निभाया है. 43 सीटें थीं तब भी नीतीश जी को मुख्यमंत्री बनाया. केंद्र सरकार में मंत्री पारस ने कहा कि 2024 का चुनाव भी हम बीजेपी के साथ लड़ेंगे.
पूरे मामले पर चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में कोई भी सरकार इस तरह नहीं बननी चाहिए. राज्य में फिर से चुनाव होना चाहिए. बताते चलें कि इससे पहले दूसरी बार बीजेपी का साथ छोड़ने का फैसला लेने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने आज अपने विधायकों से भेंट की. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बैठक से पहले एनडीटीवी से कहा, "विस्फोटक समाचार के लिए तैयार रहिए. "आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के साथ नीतीश कुमार राजभवन जा सकते हैं.
नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के पूर्व नेता आरसीपी सिंह पर अमित शाह के मोहरे के रूप में काम करने का आरोप लगाया था. जेडीयू की ओर से भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद आरसीपी ने पिछले सप्ताह के अंत में जेडीयू से इस्तीफा दे दिया था. वर्ष 2017 में आरसीपी ने नीतीश कुमार के प्रतिनिधि के तौर पर जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्रिमंडल ज्वॉइन किया था.
गौरतलब है कि वर्ष 2017 तक तेजस्वी यादव और उनके भाई तेज प्रताप यादव, नीतीश की सरकार में मंत्री थे. जेडीयू, लालू यादव की पार्टी और कांग्रेस के सहयोग से यह सरकार बनी थी. नीतीश यादव ने बीजेपी के साथ संबंध खत्म करते हुए यह गठजोड़ बनाया था.