नाइट कर्फ्यू और आंशिक लॉकडाउन से बढ़ी व्यापारियों की परेशानी, PM मोदी से की गुजारिश

देशभर के 8000 व्यापारी संघ के नेताओं और व्यापारियों का सर्वे किया है. देश के अधिकतर व्यापारी संगठन नाइट कर्फ्यू या किसी भी तरह के लॉकडाउन के खिलाफ हैं.

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नई दिल्ली:

देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामलों में लगातार तेजी देखी जा रही है. कोरोना पर काबू पाने के लिए कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) और आंशिक लॉकडाउन (Partial Lockdown) समेत अन्य कड़े कदम उठाए गए हैं. इनका असर व्यापारियों के रिटेल और थोक कारोबार पर पड़ा है और उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है. यह बात कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कही.  

खुदरा कारोबार करने वाले व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के सेक्रेटरी जनरल प्रवीण खंडेलवाल ने एनडीटीवी से कहा कि नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) और पार्शियल लॉकडाउन की वजह से देश में व्यापारियों के रिटेल कारोबार में पिछले एक हफ्ते में 30 फ़ीसदी तक नुकसान हुआ है जबकि थोक बाजार में व्यापारियों को नुकसान 15 से 20 फ़ीसदी तक हुआ है. 

खंडेलवाल ने बताया कि हमने देशभर के 8000 व्यापारी संघ के नेताओं और व्यापारियों का सर्वे किया है. देश के अधिकतर व्यापारी संगठन नाइट कर्फ्यू या किसी भी तरह के लॉकडाउन के खिलाफ हैं. नाइट कर्फ्यू लगाने से कोरोनावायरस कैसे रुकेगा? हमने अपने सर्वे के नतीजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई महत्वपूर्ण मंत्रियों को भेजे हैं. 

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उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री मोदी से गुजारिश की है कि नाइट कर्फ्यू या लॉकडाउन की जगह नए विकल्प पर पहल करना जरूरी है. सरकार अलग-अलग बाजारों की समय सीमा के साथ-साथ सरकारी और प्राइवेट कंपनियों के दफ्तरों को अलग-अलग समय पर खोलने के विकल्प पर गंभीरता से विचार करें. 

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दिल्ली के कनॉट प्लेस में स्थित 1948 में बने द एंबेसी रेस्टोरेंट के मैनेजर जीबी लखेड़ा ने कहा कि "हमारे रेस्टोरेंट में 70 कर्मचारी हैं... इन 70 परिवारों का आगे क्या होगा अगर रेस्टोरेंट में बिजनेस इसी तरह लगातार घटता रहा." लखेड़ा बेहद तनाव में हैं. दिल्ली में नाइट कर्फ्यू लगने के बाद से ही रेस्टोरेंट में ग्राहकों की संख्या तेजी से घटती जा रही है. साल के शुरुआत में बिजनेस 50 फ़ीसदी तक वापस आ गया था, लेकिन पिछले दो हफ्तों में कोरोना के आंकड़ों में अप्रत्याशित वृद्धि की वजह से लोग डर गए हैं और रेस्टोरेंट का बिजनेस तेजी से गिरता जा रहा है.

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इस रेस्टोरेंट में आम तौर पर लंच के समय औसतन 50 फ़ीसदी ऑक्युपेंसी होती थी लेकिन आज यहां 10 फ़ीसदी भी ग्राहक मौजूद नहीं हैं. लखेरा ने कहा कि ''अब हमारा बिज़नेस 5 से 10 फ़ीसदी तक भी नहीं रह गया है. हमने सोशल डिस्टेंसिंग और रेस्टोरेंट को सैनेटाइज करने पर काफी खर्च किया है लेकिन कमाई तेजी से घटती जा रही है.''
 

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वीडियो: कोरोना के चलते देश के कई शहरों में लगा नाइट कर्फ्यू

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