संसदीय समितियों का हुआ गठन, अधिकांश की अध्‍यक्षता BJP के हिस्‍से

संसदीय समितियों के गठन में कांग्रेस की हिस्‍सेदारी भी देखने को मिली है. लोक लेखा समिति पीएसी की अध्यक्षता कांग्रेस के पास गई है. कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता के. सी. वेणुगोपाल पीएसी के अध्यक्ष बनाए गए हैं.

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पब्लिक अंडरटेकिंग समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा को सौंपी गई है...
नई दिल्‍ली:

संसदीय समितियों का गठन हो गया है, जिसमें कांग्रेस समेत विपक्षी दलों को भी उचित स्‍थान मिला है. कांग्रेस पिछले काफी समय से ये शिकायत करती रही है कि उसे संसदीय समितियों में तवज्‍जो नहीं दी जाती है. लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने काफी कुछ बदल दिया है. ये बदलाव संसदीय समितियों में भी देखने को मिल रहा है. लोक लेखा समिति पीएसी की अध्यक्षता कांग्रेस के पास गई है.  

लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक बुलेटिन जारी कर संसदीय समितियों के गठन की घोषणा की. तीनों समितियों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है और इनमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य शामिल होते हैं, जिनका चयन दोनों सदनों द्वारा किया जाता है. इनके अलावा, विभाग-संबंधी अन्य स्थाई समितियां भी हैं, जो विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों पर नजर रखती हैं.

हालांकि, बीजेपी के हिस्‍से में अधिकांश संसदीय समितियों की अध्‍यक्षता आई है. सिर्फ लोक लेखा समिति पीएसी की अध्यक्षता कांग्रेस के पास गई है. कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता के. सी. वेणुगोपाल पीएसी के अध्यक्ष बनाए गए हैं. 

वहीं, अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए बनी समिति का चेयरमैन बीजेपी सांसद गणेश सिंह को बनाया गया है. पब्लिक अंडरटेकिंग समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा को सौंपी गई है. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समिति का अध्यक्ष बीजेपी सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते को बनाया गया है. 

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