केंद्र सरकार बजट सत्र के दौरान आज लोकसभा में आर्थिक स्थित की तुलना करने वाला श्वेत पत्र पेश कर सकती है. सूत्रों के अनुसार इसे लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इस श्वेत पत्र के जरिए सरकार 2014 से पहले और बाद की आर्थिक स्थिति की तुलना करने जा रही है. संसदीय वित्त समिति के अध्यक्ष और भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा कि श्वेत पत्र 2014 तक देश की "खराब आर्थिक स्थिति" और इसके बाद मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था में कैसे सुधार किया, इस पर प्रकाश डालेगा.
इन सब के बीच पीएम मोदी ने आज राज्यसभा में जिन 56 सांसदों के कार्यकाल का आखिरी दिन है उन्हें विदाई है. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आप सभी के सहयोग को यह सदन कभी भूल नहीं पाएगा. साथ ही उन्होंने विशेष तौर पर मनमोहन सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि हमें उनसे काफी कुछ सीखने की जरूरत है. वो हमेशा से देश सेवा के लिए सदन में आते रहे और अपनी बातों को बेबाकी से सबके सामने रखा. मैं आपको सभी को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं.
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पीएम मोदी ने कहा कि गुणी लोगों के साथ रहकर हमारे गुणों में भी बढ़ोतरी हुई है. नदियों को जल तभी तक पीने योग्य रहता है जब तक वह बहता रहता है. इसी तरह सदन में भी हर दो साल नया प्रवाह आता है. लेकिन नदी कितनी ही मिठी क्यों ना हो वो जैसे ही समुद्र से मिल जाती है वो पीने योग्य नहीं रहता है. मुझे लगता है कि ये संदेश सभी के लिए प्रेरक रहेगा.
आज राज्यसभा से 56 सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इस मौके पर पीएम मोदी सभी सांसदों का आभार व्यक्त कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में इन सांसदों ने सदन में आकर देश की जिम्मेदारी को निभाया. उस काल खंड ने हमे बहुत कुछ सिखाया. ये वही सांसद हैं जो अपने देश की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने में हमेशा आगे रहे.
पीएम मोदी ने कहा कि मैं मनमोहन सिंह जी का विशेष तौर पर धन्यवाद देता हूं. वो स्वस्थ्य नहीं थे फिर उन्होंने कभी सदन की कार्रवाई और अहम समय पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराना नहीं छोड़ा.
राज्यसभा में कुछ सांसदों की विदाई पर बोले पीएम मोदी. उन्होंने कहा कि कुछ सांसदों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है. जिन सांसदों की चर्चा होगी उनमें मनमोहन सिंह जी भी शामिल हैं.
राज्यसभा में कुछ सांसदों की विदाई पर बोले पीएम मोदी. कहा - आपके योगदान के लिए आपका धन्यवाद.
संसद का बजट सत्र 10 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है. रिपोर्टों के अनुसार, 2014 से पहले और बाद में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना करते हुए एक श्वेत पत्र की प्रस्तुति की सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया है.
कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार श्वेत पत्र के जरिए संसद में UPA और NDA काल में देश की अर्थव्यवस्था की तुलना करेगी. इसके माध्यम से बताया जाएगा कि आखिर NDA काल में किस तरह से देश की अर्थव्यवस्था मजबूद हुई है. और देश अब कैसे विकसित भारत बनने की राह पर चल चुका है.
सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार आज आर्थिक स्थिति को लेकर एक श्वेत पत्र संसद में पेश कर सकती है. इस श्वेत पत्र में 2014 तक जिस तरह से देश की आर्थिक स्थिति की खराब थी और उसके बाद मोदी सरकार के सत्ता में आते ही जिस तरह से आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए काम किया गया, उस स्थिति को सदन के सामने रखा जाएगा.