लोकसभा की बुधवार की कार्यावाही विपक्ष के हंगामे के कारण दो बार स्थगित करनी पड़ी. पेगासस जासूसी मामले व केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल संसद में हंगामा करते रहे. कांग्रेस सदस्यों ने पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल की ओर कागज उछाले और कुछ देर बाद सत्तापक्ष की तरफ भी कागज फेंके जिसके बाद कार्यवाही 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गयी. लोकसभा में हंगामे को लेकर भाजपा और विपक्ष आमने-सामने हैं. दोनों तरफ से बयानबाजी का दौर जारी है. बसपा के लोकसभा सांसद कुंवर दानिश अली ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
दानिश अली ने कहा कि सरकार ही ऐसी घटनाओं के लिये जिम्मेदार है. सरकार अपना हठधर्मी वाला रवैया अपनाए हुए है. विपक्ष चर्चा चाहता है, दुनिया के देशों में जांच हो रही है. लेकिन सरकार पेगासस पर चर्चा नहीं होने दे रही है. सरकार अगर मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है, तो जासूसी कांड पर चर्चा कराए. सरकार क्यों भाग रही है? 100 बार झूठ बोलने से वह सच नही हो जाता. सरकार केवल विपक्ष को बदनाम करना चाह रही है.
उन्होंने कहा कि जासूसी कांड प्रमुख मुद्दा है. सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि देश मे प्राइवेसी रहेगी या नहीं. इंसान की आजादी रहेगी या नहीं. मेरी और मेरे बीवी-बच्चों की जासूसी करोगे? सरकार चर्चा कराए हम तैयार हैं. हम इसीलिए कार्य स्थगन दे रहे हैं. सरकार बुलडोज कर बस अपने बिल पास करवाना चाहती है, यह नहीं चलेगा.
बसपा सांसद ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में फर्क है. सरकार अंदर चर्चा कराना नहीं चाहती. बाहर मीडिया के माध्यम से कहना चाहती है कि वो क्यों नहीं स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करती. विपक्ष चर्चा की ही मांग कर रहा है. विपक्ष ने जासूसी कांड में पीएम का इस्तीफा तो नहीं मांगा.