केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए. जिस पर सदन में खूब हंगामा हो रहा है. सरकार ने गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान करने के लिए बुधवार को संसद में तीन बिल पेश किए. लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने इस बिलों को पेश किया. शाह ने केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 बिल को लोकसभा के पटल पर रखा. विपक्षी सांसदों ने इसका पुरजोर विरोध किया. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान विरोधी बताया. गृह मंत्री कहा कि यह बिल जल्दबाजी में लाने का आरोप सही नहीं है. उन्होंने कहा बिल को संयुक्त समिति को सौंपा जाएगा. सभी पक्ष-विपक्ष के सांसदों की समिति इस पर विचार करेगी और आपके सामने लेकर आएगी.
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सरकार चुनने के अधिकार को कमजोर करता है...सदन में पेश किए गए तीनों बिल के विरोध में ओवैसी
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "मैं जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025 और संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025 को पेश किए जाने का विरोध करता हूं. यह शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करता है और सरकार चुनने के अधिकार को कमजोर करता है. यह कार्यकारी एजेंसियों को तुच्छ आरोपों और संदेह के आधार पर न्यायाधीश और जल्लाद बनने की खुली छूट देता है... यह सरकार पुलिस राज्य बनाने पर तुली हुई है. यह निर्वाचित सरकार के लिए मौत की कील होगी. इस देश को पुलिस राज्य में बदलने के लिए भारत के संविधान में संशोधन किया जा रहा है..."
असदुद्दीन ओवैसी ने तीनों बिलों का विरोध किया.
गृह मंत्री अमित शाह ने जो तीन बिल सदन में पेश किए हैं उनका जोरदार विरोध हो रहा है. असदुद्दीन ओवैसी ने तीनों बिलों का विरोध किया.
सदन में पेश किए तीनों बिल के विरोध में क्या बोले कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि भारत का संविधान का मूल ढांचा कहता है कि कानून का राज होना चाहिए. कानून के राज की बुनियाद है कि आप बेगुनाह हैं, जब तक आपका गुनाह साबित नहीं होता, आप बेगुनाह हैं.
गृह मंंत्री शाह ने सदन में पेश किए तीन बिल, विपक्ष का जोरदार हंगामा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए. सदन में विपक्ष की तरफ से इस पर जोरदार हंगामा हो रहा है.
क्या है इन विधेयकों को लाने का मुख्य उद्देश्य
इन विधेयकों का मुख्य उद्देश्य है राजनीति को अपराधीकरण से मुक्त करना. प्रस्तावित प्रावधानों के तहत, यदि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री किसी ऐसे अपराध के आरोप में गिरफ्तार होकर लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है, जिसमें सज़ा पांच वर्ष या उससे अधिक हो सकती है. तो यदि वह इस्तीफ़ा नहीं देता है तो 31वें दिन उसे स्वतः पद से बर्खास्त मान लिया जाएगा. हालाकि अगर कोर्ट से वह इन मामलों में मुक्त होता है तो वो फिर से पद ग्रहण कर सकता है.
ये दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल मे भी मुख्यमंत्री बने रहने के बाद मुख्यतः लाया जा रहा है. अब अपराधी साबित होकर कोई भी किसी भी मंत्री या मुख्यमंत्री के पद पर नही रह सकता है. मंत्री जेल मे भी रहेगे और फाईल पर भी नजर रखेगे ये संभव नही है.जम्मू कश्मीर के लिए हालाँकि अभी भी राज्य का दर्जा मिलना बाकी है जिस्की कई बार चर्चा भी हुई है.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज लोकसभा में इन संशोधन विधेयक को पेश करेंगे
गृहमंत्री अमित शाह आज इन दिनों संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश करने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि कांग्रेस समेत अन्य दल इस मौके पर सदन में हंगामा कर सकते हैं.