राज्यसभा का 41 घंटे से ज्यादा समय हंगामे से बर्बाद, शुरुआत के 12 दिनों में सिर्फ दो ही बिल हुए पारित

कई मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसदों के हंगामे के चलते संसद का मॉनसून सत्र ठीक से चल ही नहीं पा रहा है. राज्यसभा में मंगलवार को CISF के कथित डिप्लॉयमेंट को लेकर उठे विवाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध और गहरा गया. उपसभापति हरिवंश ने मंगलवार को विपक्ष से सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं करने की अपील की.

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संसद का मॉनसून सत्र चढ़ रहा हंगामे की भेंट.
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  • बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची सुधार के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण बिल पर संसद में गतिरोध जारी है.
  • मॉनसून सत्र के पहले बारह दिनों में मात्र दो बिल पारित हो सके जबकि कुल पंद्रह बिल एजेंडे में शामिल हैं.
  • राज्यसभा में CISF की तैनाती को लेकर विवाद के कारण सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कार्यवाही बाधित हो रही है.
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नई दिल्ली:

बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची में सुधार के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) 2025 को लेकर संसद में जारी गतिरोध की वजह से मॉनसून सत्र (Prliament Monsoon Session) के पहले 12 दिनों में सिर्फ दो ही बिल पारित हो सके हैं. मॉनसून सत्र के दौरान सरकार के एजेंडे में कुल 15 बिल शामिल हैं, जिनमें 7 नए बिल हैं. मंगलवार को लगातार ग्यारहवें दिन संसद में इंडिया ब्लॉक से जुड़े विपक्षी दलों ने सदन के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन किया. 

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध

राज्यसभा में CISF के कथित डिप्लॉयमेंट को लेकर उठे विवाद से सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध और गहरा गया है. राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने मंगलवार को विपक्ष से सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं करने की अपील करते हुए कहा, "वर्तमान सत्र में 150 Starred Questions, 150 ज़ीरो ऑवर के सबमिशन और 150 स्पेशल मेंशंस लिस्टेड थे. लेकिन गतिरोध की वजह से अब तक सिर्फ 13 Starred Questions, 5 Zero Hour सबमिशन और 17 स्पेशल मेंशन सदर में रखे जा सके हैं. अब तक हंगामे और गतिरोध की वजह से 41 घंटे 11 मिनट हम सदन का समय गंवा चुके हैं". 

लेकिन उपसभापति की इस अपील का विपक्ष के ऊपर कोई असर नहीं पड़ा और सदन की कार्यवाही को समय से पहले स्थगित करनी पड़ी. मंगलवार को  नियम 267 के तहत चर्चा की मांग के लिए 34 नोटिस विपक्ष की तरफ से दिए गए थे, लेकिन उपसभापति ने ये कहते हुए कि ये सभी नोटिस नियम के अधीन नहीं है, सिरे से खारिज कर दिया.

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हंगामे के चलते बाधित हो रही राज्यसभा की कार्यवाही

उपसभापति हरिवंश ने अपनी रूलिंग देते हुए कहा, "नियम 267 के तहत चर्चा rare of the rarest केस में ही कराई जा सकती है. राज्यसभा के पूर्व सभापति इस पर रूलिंग दे चुके हैं. 2004 से 2009 के बीच सिर्फ चार नोटिस नियम 267 के तहत स्वीकार किए गए थे. 2009 से 2014 के बीच 491 नोटिस दिए गए नियम 267 के तहत लेकिन सिर्फ एक पर चर्चा हो सकी. 2014 से पिछले राज्यसभा सत्र तक कुल 3152 नोटिस नियम में 267 के तहत दिए गए हैं जिनमें से सिर्फ 6 को स्वीकार किया गया". 

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अब बुधवार को सरकार ने लोक सभा में चर्चा और पारित कराने के लिए तीन अहम बिल: द मर्चेंट शिपिंग बिल 2024, द नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल 2025, द नेशनल एंटी डोपिंग (अमेंडमेंट) बिल 2025 लिस्ट कराया है. राज्यसभा में भी बुधवार के एजेंडे में दो अहम बिल लिस्टेड हैं - The Carriage of Goods by Sea Bill, 2025 और The Coastal Shipping Bill, 2025. लेकिन विपक्षी दलों के रुख से साफ है कि संसद के मॉनसून सत्र के दौरान जारी राजनीतिक गतिरोध जल्दी ख़त्म नहीं होने वाला है. 
 

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