लोकसभा का बजट सत्र गुरुवार को समाप्त हो गया है. इस बार लोकसभा में बजट सत्र के दौरान 114 प्रतिशत उत्पादकता रही. लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला अपनी उत्पादकता के रिकाॅर्ड को लेकर भी जाने जाते हैं. उन्हें तय समय से अधिक समय तक सदन चलाने के कौशल के लिए भी जाना जाता है. इस बार लोकसभा की कार्यवाही चलनी थी 115 घंटे 45 मिनट, लेकिन लेकिन गतिरोध और हंगामा खत्म करवा बिरला ने 131 घंटे 56 मिनट सदन चलाया, यानी बिड़ला के नेतृत्व में 6945 मिनट की जगह 7916 मिनट सदन चला.
लोकसभा अध्यक्ष के नेतृत्व में सभी दलों में सदन के सुचारू संचालन के लिए आमराय बनी और 17वीं लोकसभा के अन्य सत्रों की तरह बजट सत्र में भी उत्पादकता का स्तर ऊंचा रहा. सदस्यों ने कई बार देर तक बैठकर भी महत्वपूर्ण मुद्दों को निपटाया. विधायी और वित्तीय कार्यों के लिए सभा 48 घंटे और 23 मिनट देर तक बैठी. सत्र के दौरान कुल 17 विधेयक पुरःस्थापित किये गए और 18 विधेयक पारित किये गए. केंद्रीय बजट पर 14 घंटे और 42 मिनट तक हुई चर्चा में कुल 146 सदस्यों ने भाग लिया.
क्या-क्या और कितने घंटे हुआ काम?
सत्र के दौरान सभा की 24 बैठकें हुई, जो 132 घंटे तक चलीं . इस सत्र के दौरान सभा की उत्पादकता 114% रही. इससे पहले प्रथम सत्र में 125%, दूसरे सत्र में 115 %, तीसरे सत्र में 117 % और चौथे सत्र में रिकॉर्ड 167 % कार्य हुआ. 1 फरवरी, 2021 को पेश किये गए केंद्रीय बजट पर 14 घंटे और 42 मिनट तक चर्चा हुई जिसमे कुल 146 सदस्यों ने भाग लिया.
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प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों ने कार्यपालिका की जिम्मेदारी सुनिश्चित की और सत्र के दौरान 84 तारांकित प्रश्नों के मौखिक उत्तर दिए गए. शून्य काल के दौरान सदस्यों को मुद्दे उठाने के पर्याप्त अवसर मिले, शाम देर तक बैठकर सदस्यों ने कुल 583 अविलंबनीय लोक महत्व के मामले उठाए. नियम 377 के अधीन कुल 405 मामले उठाए गए.
संसदीय समितियों ने बजट सत्र में वित्तीय और अन्य मामलों पर महत्वपूर्ण सस्तुतियाँ दी और 163 प्रतिवेद प्रस्तुत किए. बता दें कि यह 17वीं लोकसभा का पांचवां सत्र था, जो 29 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था और आज खत्म हो गया है. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर 16 घंटे 58 मिनट तक चर्चा हुई और इसमें 149 सदस्यों ने भाग लिया था.