महाराष्ट्र के पालघर जिले में 17 दिन पहले एक जल परियोजना स्थल पर मिट्टी धंसने के बाद मलबे में दबे खुदाई संचालक का बचावकर्मी अभी तक पता नहीं लगा पाए हैं. आज CM एकनाथ शिंदे ने पालघर के वर्सोआ खाड़ी के पास पहुंचे और हालात का जायजा लिया.
पालघर जिले में सूर्य पानी प्रकल्प परियोजना के लिए वर्सोवा खाड़ी के पास एमएमआरडीए के माध्यम से एलएंडटी कंपनी द्वारा सुरंग बनाने का काम चल रहा है. 17 दिन पहले सुरंग का एक हिस्सा ढहने से नीचे काम कर रहा जेसीबी ऑपरेटर राकेश यादव जेसीबी के साथ ही नीचे दब गया. पिछले 17 दिनों तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल पाया है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उसे बाहर निकालने के लिए राहत कार्य तेज़ करने की पहल की और सेना और तटरक्षक बल की मदद से बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्घटना पीड़ित को निकालने को प्राथमिकता दी जाएगी. इसके लिए सेना और तटरक्षक बल के अनुभव का लाभ उठाते हुए मजदूर को जल्द से जल्द निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.
मुख्यमंत्री शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया कि एमएमआरडीए की साइट पर हुए हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री ने राकेश यादव के परिवार से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी. हालांकि, पीड़ित मजदूर राकेश के पिता भालचंद्र यादव ने बचाव कार्य में देरी और ढिलाई से असंतोष जताया तो पत्नी ने एक बार अपने पति का चेहरा देखने की मिन्नत की है.
क्या है पूरा मामला?
घटना 29 मई की रात करीब नौ बजे हुई. मुंबई से करीब 50 किलोमीटर दूर सासुन नवघर गांव में सूर्या जलापूर्ति परियोजना स्थल पर एक सुरंग शाफ्ट पर काम के दौरान मिट्टी और दीवार का ढांचा ढह गया. इसमें खुदाई संचालक फंस गया था.