पाकिस्तान ने दी परमाणु हमले की धमकी, भारत के सामने जानिए उसकी हैसियत

India Pakistan Nuclear Power: स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, भारत के पास 172 न्यूक्लियर वॉरहेड हैं. वहीं पाकिस्तान के पास इनकी संख्या 170 है.

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Pakistan Threatens Nuclear Attack: पाकिस्तान ने दुनिया को परमाणु हमले की धमकी दी है,

India Pakistan Nuclear Power: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक टीवी साक्षात्कार में चेतावनी दी है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच पूर्ण युद्ध हो सकता है. ख्वाजा आसिफ ने स्काई न्यूज से आगे कहा कि दुनिया को दोनों देशों के बीच इस युद्ध की संभावना को लेकर चिंतित होना चाहिए, क्योंकि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं. रक्षा मंत्री ने दावा किया कि भारत के साथ बढ़ते कूटनीतिक तनाव के बीच पाकिस्तानी सेना किसी भी स्थिति के लिए तैयार है. आसिफ ने कहा, "हम भारत द्वारा शुरू की गई किसी भी कार्रवाई का जवाब देंगे. यह एक मापा हुआ जवाब होगा... अगर कोई चौतरफा हमला या ऐसा कुछ होता है, तो जाहिर है कि एक चौतरफा युद्ध होगा. अगर चीजें गलत हुईं, तो इस टकराव का दुखद परिणाम हो सकता है."

पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार ने भी पाकिस्तान की संसद में परमाणु ताकत होने का बयान देकर तसल्ली देने की कोशिश की है, लेकिन उनकी आवाज लड़खड़ा रही थी.ऐसा लग रहा था कि वो भारत की जवाबी कार्रवाई से घबराए हुए हैं. इससे पहले इशाक डार ने संसद में एक प्रस्ताव रखा, जिसमें उन्होंने आतंकवाद की निंदा की. साथ ही पहलगाम हमले में पाकिस्तान का हाथ होने से इनकार कर दिया.

पाकिस्तान और भारत के पास कितने परमाणु बम

स्वीडिश थिंक टैंक स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, भारत के पास 172 न्यूक्लियर वॉरहेड हैं. वहीं पाकिस्तान के पास इनकी संख्या 170 है. पाकिस्तान टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों (TNWs) पर ज्यादा ध्यान दे रहा है. टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों को सामरिक परमाणु हथियार भी कहा जाता है, पारंपरिक परमाणु बमों से आकार और विनाश की सीमा में छोटे होते हैं. इन्हें विशेष रूप से युद्ध के मैदान में सीमित क्षेत्र में दुश्मन के सैन्य ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है. इनका मकसद बड़े पैमाने पर जनसंहार नहीं बल्कि एक सीमित क्षेत्र में त्वरित और प्रभावी हमला करना होता है.

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टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार क्या

ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने पिछले कुछ वर्षों में TNWs का निर्माण तेज कर दिया है. इनका मकसद भारत को सीमित युद्ध या पारंपरिक सैन्य कार्रवाई से रोकना है. खास बात यह है कि इन बमों को छोटे और मोबाइल लॉन्च प्लेटफॉर्म से दागा जा सकता है, जिससे इन्हें युद्ध क्षेत्र में आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. पाकिस्तान का दावा है कि ये हथियार भारत की कोल्ड स्टार्ट रणनीति को रोकने के लिए बनाए गए हैं. कोल्ड स्टार्ट रणनीति के तहत भारत सीमित समय में सीमित क्षेत्र में सैन्य कार्रवाई कर सकता है, ताकि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने का समय न मिले. ऐसे में पाकिस्तान का मानना है कि TNW एक त्वरित और प्रभावी जवाब हो सकते हैं.

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टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार से कितनी तबाही

भले ही टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों को ‘सीमित' माना जाता है, लेकिन इनमें भी भारी तबाही फैलाने की क्षमता होती है. इनकी शक्ति आमतौर पर 100 से 1000 किलोटन तक होती है. तुलना के लिए बताया जाए तो जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए बम की क्षमता लगभग 15 किलोटन थी. यानी पाकिस्तान के TNWs, अगर इस्तेमाल किए जाते हैं, तो 70 से 100 किलोमीटर के दायरे में पूरी तबाही मचा सकते हैं. इनकी सबसे खतरनाक बात यह है कि पाकिस्तान ने इन्हें अपने मध्य स्तर के सैन्य अधिकारियों और क्षेत्रीय कमांडरों को सौंप दिया है, जिससे यह चिंता पैदा होती है कि किसी स्थानीय या सीमित संघर्ष के दौरान इनका अनियंत्रित या जल्दबाजी में इस्तेमाल हो सकता है.

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भारत की परमाणु ताकत

भारत की परमाणु नीति आज भी No First Use पर आधारित है. यानी भारत कभी पहले परमाणु हथियार से हमला नहीं करेगा, लेकिन यदि उस पर हमला हुआ तो उसका जवाब पूरी ताकत के साथ देगा. मतलब वो टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों का भी पारंपरिक परमाणु बमों से जवाब देगा. भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल है ,जो Nuclear Triad रखते हैं. पाकिस्तान के पास ये ताकत नहीं है. सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, भारत और चीन के पास ही ये ताकत है. इसका मतलब है कि भारत जमीन, आसमान या समुद्र कहीं से भी हमला कर सकता है.  ये ऐसी ताकत है कि अगर भारत पर किसी ने परमाणु हमला कर भी दिया तो भारत के पास इतनी ताकत है कि वो उस देश को खत्म कर देगा.  

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जमीन से

  • अग्नि मिसाइल सीरिज: अग्नि-I से अग्नि-VI तक, जिनकी रेंज 700 किमी से 6,000+ किमी तक है.

पानी से

  • INS अरिहंत जैसी परमाणु पनडुब्बियां, जो गहराई से परमाणु मिसाइल दाग सकती हैं.

आकाश से

  • राफेल, सुखोई-30 MKI, मिराज 2000, जगुआर जैसे लड़ाकू विमान जो परमाणु बम गिराने में सक्षम हैं.

पाकिस्तान ने माना आतंकवादी उनके    

स्काई न्यूज से बातचीत में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और धन मुहैया कराने के अपने देश के इतिहास को भी इंटरव्यू में मान लिया. उन्होंने कहा कि इस गलती के लिए पाकिस्तान को नुकसान उठाना पड़ा है. स्काई न्यूज के साथ रात में प्रसारित एक साक्षात्कार में, न्यूज एंकर यल्दा हकीम ने आसिफ से पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद आतंकवाद पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और रुख के बारे में सवाल किया. हकीम ने पूछा, "आप स्वीकार करते हैं, सर, कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और धन मुहैया कराने का एक लंबा इतिहास रहा है?"

आसिफ ने जवाब दिया, "ठीक है, हम लगभग तीन दशकों से संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं. यह एक गलती थी, और हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा, और इसीलिए आप मुझसे यह कह रहे हैं. अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड... एक बेदाग ट्रैक रिकॉर्ड होता." उन्होंने कहा, "इस क्षेत्र में जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराना बड़ी शक्तियों के लिए बहुत सुविधाजनक है. जब हम 80 के दशक में सोवियत संघ के खिलाफ उनकी तरफ से युद्ध लड़ रहे थे, तब आज के ये सभी आतंकवादी वाशिंगटन में मौज-मस्ती कर रहे थे और फिर 9/11 का हमला हुआ. फिर से वही स्थिति दोहराई गई. मुझे लगता है कि तब हमारी सरकारों ने गलती की थी." साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उस समय पाकिस्तान को "प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल किया गया था.
 

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