- भारत ने पाकिस्तान सीमा के निकट गुजरात, राजस्थान में तीनों सेनाओं का 12 दिवसीय त्रिशूल युद्धाभ्यास शुरू किया है
- इसमें राफेल, सुखोई एसयू-30 फाइटर्स, टी-90 टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल और स्पेशल फोर्सेज की भी भागीदारी होगी
- हाल ही में राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को सर क्रीक इलाके पर बुरी नजर डालने को लेकर सख्त चेतावनी दी थी
ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की कमर तोड़ने के बाद भारत ने अब ऐसा कदम उठाया है, जिससे पाकिस्तान में खलबली मच गई है. भारत ने पाकिस्तान सीमा से सटे अपने इलाके में सैन्य अभ्यास त्रिशूल शुरू किया है. इसके तहत तीनों सेनाओं अगले 12 दिनों तक अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगी. इसमें युद्धपोत, युद्धक टैंक, मिसाइल बैटरी, स्पेशल फोर्सेज कमांडोज के अलावा राफेल, सुखोई एसयू-30 जैसे प्रमुख लड़ाकू विमान भी शामिल होंगे.
तीनों सेनाओं का बड़ा युद्धाभ्यास
ऑपरेशन सिंदूर के छह महीने के अंदर पाकिस्तान के दक्षिणी बॉर्डर पर होने वाला यह देश का पहला और सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है. इस दौरान भारतीय सुरक्षा बल अपनी हमलावर क्षमताओं को परखेंगे, साथ ही पाकिस्तान को सख्त संदेश भी देंगे. यह युद्धाभ्यास गुजरात और राजस्थान की सीमा में हो रहा है. इसका फोकस गुजरात, खासकर कच्छ इलाके पर रहने की संभावना है, जिसे लेकर पाकिस्तान ने हाल के समय में तेवर दिखाए हैं.
सीर क्रीक पर नजर डाली तो... राजनाथ की वॉर्निंग
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में पाकिस्तान को सीर क्रीक के भारतीय इलाके पर अवैध कब्जा करने की कोशिश को लेकर आगाह किया था. उन्होंने चेतावनी दी थी कि भारतीय इलाके पर दावा करने के किसी भी प्रयास का ऐसा जवाब दिया जाएगा जो इतिहास और भूगोल दोनों को बदल देगा.
सीर क्रीक का क्या है विवाद?
बता दें कि सीर क्रीक गुजरात में कच्छ के रण और पाकिस्तान के बीच स्थित करीब 100 किलोमीटर की एक संकरी और विवादित जलपट्टी है. दस्तावेजों में सीर क्रीक का पश्चिमी हिस्सा पाकिस्तान का और पूर्वी हिस्सा भारत का है. लेकिन पाकिस्तान समय-समय पर हरकतें करता रहता है.
क्या हैं पाकिस्तान के नापाक इरादे?
राजनाथ ने बताया था कि पाकिस्तान की तरफ से हाल में सीर क्रीक और आसपास के इलाके में मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया गया है. फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) पर बंकर, रडार के अलावा हमलावर ड्रोन और पैदल सेना के लिए सुविधाएं भी बढ़ाई गई हैं.
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के नौसेना प्रमुख एडमिरल नावेद अशरफ ने सीर क्रीक बेल्ट में अग्रिम चौकियों का अघोषित दौरा किया था और "सीर क्रीक से जिवानी तक... एक-एक इंच समुद्री सीमाओं" की हिफाजत का ऐलान किया था. इस बयान के बाद नई दिल्ली और भारतीय रक्षा सलाहकार सतर्क हैं.
NDTV को बताया गया कि 'त्रिशूल' सैन्य युद्धाभ्यास का मकसद पाकिस्तान को साफ संदेश देना है कि भारत अपने इलाके की रक्षा के लिए तैयार है और यदि जरूरी हुआ तो मई में स्थगित किए गए ऑपरेशन सिंदूर को आगे बढ़ाया जा सकता है.
तीनों सेनाओं की क्या तैयारी?
थलसेना: टी-90 युद्धक टैंक, ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के अलावा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी हमलों हमले को सफलतापूर्वक बेअसर करने वाले आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम का भी परीक्षण होगा. युद्धाभ्यास के लिए स्वदेशी प्रचंड लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी भेजे गए हैं.
- वायुसेना: राफेल और सुखोई एसयू-30 फाइटर जेट के साथ सी-गार्डियन और हेरोन ड्रोन भी तैनात किए गए हैं.
- नौसेना: कोलकाता क्लास विध्वंसक और नीलगिरी क्लास फ्रिगेट के अलावा तेजी से हमला करने वाले विभिन्न हथियारों से अभ्यास किया जाएगा.
- स्पेशल फोर्सेज: युद्धाभ्यास के दौरान जमीनी सैनिकों की भी एक्सरसाइज होगी. इनमें आर्मी की पैराशूट रेजिमेंट की स्पेशल फोर्स बटालियन पैरा एसएफ, नौसेना के मरीन कमांडो मार्कोस और वायुसेना की गरुड़ कमांडो यूनिट की भी भागीदारी होगी.
पाकिस्तान में डर, हवाई क्षेत्र बंद किया
पाकिस्तान में भारत के त्रिशूल युद्धाभ्यास का कितना खौफ है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने कई इलाकों में अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है.
पहले तो 48 घंटों के लिए उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन अभ्यास को लेकर भारत की बड़ी तैयारियों को देखते हुए एयरस्पेस पर पाबंदियां बढ़ा दी हैं. अब प्रतिबंधों के दायरे में पाकिस्तान का अधिकांश हवाई क्षेत्र शामिल है.
इधर, युद्धाभ्यास के मद्देनजर भारत ने 30 अक्तूबर से लेकर 10 नवंबर तक अपने एयरस्पेस पर पाबंदियां लगाई हैं. ये पाबंदियां 28 हजार फीट की ऊंचाई तक के लिए हैं.














