- द रजिस्टेंस फ्रंट नामक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है.
- पुंछ जिले में एलओसी के पास हुए लैंड माइन ब्लास्ट में सेना का एक जवान मारा गया और तीन घायल हुए.
- टीआरएफ ने हाल के आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली है और इसका उद्देश्य कश्मीर में इस्लामी राज्य स्थापित करना है.
लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा वैश्विक आतंकी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) लगातार हमले कर रहा है. पहले पहलगाम में पर्यटकों पर हमला और अब पुंछ में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास लैंड माइन ब्लास्ट, टीआरएफ अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अमेरिका ने पिछले दिनों टीआरएफ को विदेशी आतंकी संगठनों की लिस्ट में डाल दिया था. इसके बाद ऐसा लगा था कि टीआरएफ की नापाक हरकतों पर लगाम लगेगी, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रही है. जम्मू-कश्मीर के पुंछ में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास शुक्रवार को एक लैंड माइन ब्लास्ट हुआ था. इसमें सेना के एक जवान की मौत हो गई थी और तीन घायल हो गए थे. इस धमाके की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है.
क्या है द रजिस्टेंस फ्रंट?
द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) एक आतंकवादी संगठन है, जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है. यह आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है. इसके खिलाफ भारतीय सुरक्षा बल लगातार कार्रवाई कर रहे है. भारत सरकार ने इस संगठन को काफी पहले आतंकवादी घोषित कर दिया है. यह संगठन हाल के वर्षों में घाटी में कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है. टीआरएफ का मकसद कश्मीर में भारतीय शासन को समाप्त करना और इस्लामी राज्य की स्थापना करना है. हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया है, जिनमें सुरक्षा बलों और नागरिकों पर हमले शामिल हैं.
TRF का समर्थक पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने पिछले दिनों कहा था कि हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में टीआरएफ के उल्लेख का विरोध किया था. मुझे दुनिया भर से फ़ोन आए, लेकिन पाकिस्तान ने इसे नहीं माना. इशाक डार ने कहा कि हम टीआरएफ को अवैध नहीं मानते हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि हमें सबूत दिखाइये कि टीआरएफ ने ही कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला किया. टीआरएफ की जिम्मेदारी साबित कीजिए. हम इस आरोप को स्वीकार नहीं करेंगे, जबकि पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद टीआरएफ ने खुल इसकी जिम्मेदारी ली थी. इसके बावजूद बड़ी बेशर्मी से पाकिस्तान टीआरएफ के समर्थन में खड़ा नजर आया.
पुंछ में LoC के निकट बारूदी सुरंग विस्फोट
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में शुक्रवार को एलओसी के निकट बारूदी सुरंग विस्फोट में एक सैन्यकर्मी की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गये. अधिकारियों ने बताया कि कृष्णा घाटी के क्षेत्र में गश्त के दौरान एक बारूदी सुरंग में विस्फोट हुआ, जिसमें एक अग्निवीर जवान की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गये. अधिकारियों ने बताया कि घायलों में से एक जेसीओ है, जिसे सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसकी हालत स्थिर है. इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली है.
क्या लैंड माइन ब्लास्ट को भारत 'एक्ट ऑफ वार' मानेगा
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में पल रहे आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया था. भारत टीआरएफ को लश्कर का प्रॉक्सी मानता है. लश्कर का समर्थन पाकिस्तान करता है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई सैन्य हवाई अड्डों को नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद पाक घुटनों पर आ गया और सीजफायर की गुहार लगाने लगा था. सीजफायर के बाद भारत ने साफ-साफ कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. अगर पाकिस्तान में पल रहे आतंकियों की ओर से कोई नापाक हरकत की गई, तो ऑपरेशन सिंदूर फिर एक्टिव हो जाएगा. भारत के खिलाफ पहलगाम जैसी कोई भी घटना को 'एक्ट ऑफ वार' माना जाएगा. अब सवाल उठता है कि क्या लैंड माइन ब्लास्ट को भारत 'एक्ट ऑफ वार' मानेगा?