दिल्ली में बैठकर किसके इशारे पर काम कर रहा था पाकिस्तानी जासूस दानिश, खुल गया राज

जासूसी मामले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, हर दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. सुरक्षा एजेंसियों ने पाक उच्चायोग (Pakistan High Commission) में तैनात रहे दानिश के बारे में हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं.

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पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात रहे दानिश को लेकर बड़े खुलासे.

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाली सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर ज्योति मल्होत्रा का दिल्ली स्थित पाक हाई कमीशन में तैनात रहे जिस दानिश (ISI Agent Danish) के साथ कनेक्शन सामने आया है, उसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने बड़ा खुलासा किया है. सुरक्षा एजेंसियों की जांच में पता चला है कि एहसान उर रहमान उर्फ दानिश  ISI एजेंट था. वह पाक खुफिया एजेंसी ISI, इस्लामाबाद में पोस्टेड है. दानिश का पासपोर्ट भी इस्लामाबाद से जारी हुआ था. भारत आने के लिए उसका वीजा 21 जनवरी 2022 को जारी किया गया था. हालांकि जासूसी कांड में नाम सामने आने के बाद उसे 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दे दिया गया था. 

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दानिश पर सुरक्षा एजेंसियों का बड़ा खुलासा

सुरक्षा एजेंसियों की जांच के मुताबिक, ISI एजेंट पाकिस्तान हाई कमीशन में पहले भी तैनात किए जाते रहे हैं. दानिश कोई पहला शख्स नहीं है, जिसे ISI ने पाक हा कमीशन में प्लांट किया था. जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी दिल्ली के पाक हाई कमीशन में अपने एजेंटों को पोस्ट बदलकर तैनात करती है. दानिश को ही ले लीजिए, कहने को तो वह पाक हाई कमीशन में  वीजा डेस्क पर तैनात था. लेकिन उसका असल काम जासूसी का ही था. वह भारत के लोगों को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के लिए न सर्फ ट्रैप कर रहा था बल्कि हाई कमीशन में बैठकर घूसखोरी भी कर रहा था.

दिल्ली में रहकर ISI के लिए ये खास काम करता था दानिश

दानिश ने ही ज्योति तो ISI एजेंट अली अहसान से मिलवाया था. अली ने पाकिस्तान में ज्योति के ठहरने, खाने और घूमने का इंतजाम कराया था. पाक पहुंचने पर अली अहसान ने ज्योति को शकीर और राणा शाहबाज जैसे पाक खुफिया और सुरक्षा अधिकारियों से मिलवाया था. मतलब दानिश ही वह कनेक्शन था, जिसकी वजह से उसके लिए पाकिस्तान जाना सहज हो सका. अब खुलासा हुआ है कि दानिश खुद भी ISI का ही एजेंट था, जो कहने को तो पाक हाई कमीशन में तैनात था लेकिन उसका काम जासूसी ही था. 

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