पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले खच्चर चालक आदिल के घर पहुंचा NDTV, परिवार के जज्बे ने जीत लिया दिल

NDTV Exclusive: पहलगाम आतंकी हमले के सभी 26 मृतकों के घर से NDTV ग्राउंड रिपोर्ट कर रही है. इस कड़ी में पढ़िए पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले खच्चर चालक सैयद आदिल हुसैन शाह के परिवार ने क्या कुछ कहा?

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पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले आदिल हुसैन के माता-पिता और इनसेट में आदिल की तस्वीर.

Pahalgam Attack Syed Adil Hussain Shah: पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई. इन 26 में से 25 तो अलग-अलग राज्यों के सैलानी थे, जो कश्मीर घूमने आए थे. लेकिन मृतकों की इस लिस्ट में एक नाम सैयद आदिल हुसैन शाह का भी था. सैयद आदिल हुसैन कश्मीर के ही रहने वाले थे. मुस्लिम थे. पहलगाम में सैलानियों के लिए खच्चर चलाकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण किया करते थे. आतंकी हमले के दौरान आदिल भी बैसरन घाटी में थे. जहां आतंकियों ने उन्हें तीन गोली मार दी. आदिल की मौत के बाद अब उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. गुरुवार को NDTV जब आदिल के घर पर पहुंची तो उनके परिजनों ने बातचीत के क्रम में अपना दर्द बयां किया. 

अनंतनागर के हापतनार के रहने वाले थे सैयद आदिल हुसैन शाह

पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले खच्चर चालक सैयद आदिल हुसैन शाह दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के हापतनार के रहने वाले हैं. गुरुवार को जब NDTV की टीम उनके घर पहुंची तो वहां सैयद के पिता हैदर शाह, मां बेबी जान, बहन रवीशा और फुफी मौजूद थी. इन लोगों ने अपनी परेशानी बताई. 

आदिल के पिता बोले- मजदूरी करता था बेटा, सैलानियों की जान बचाने में मारा गया

सैयद आदिल हुसैन शाह के पिता हैदर शाह ने बताया, "वह वहां पर मजदूरी करता था. खच्चर-घोड़े चलाता था. 22 अप्रैल को घर से पहलगाम गया था. घोड़े-खच्चर वहां के लोगों के ही थे. फिर पहलगाम से घोड़े लेकर ऊपर बैसरन पहुंचा था." आदिल के पिता हैदर शाह ने आगे कहा कि मैंने सुना है कि आतंकियों से पर्यटकों की जान बचाने के दौरान उसे 3 गोली मार दी. 

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रोते हुए मां बोली- अब बहन की शादी कौन कराएगा

आदिल की मां बेबीजान ने नम आंखों से कश्मीरी में कहा कि अब बहन की शादी कौन कराएगा? मालूम हो कि आदिल अपने परिवार में कमाने वाला इकलौता था. उन्ही की कमाई से पूरे परिवार का भरण-पोषण चलता था. अब आदिल की मौत के बाद उनके परिवार की माली हालत चरमरा गई है. 

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पिता बोले- बेटे पर गर्व, मगर उससे ज्यादा सैलानियों के लिए दुख

आदिल की बहन रवीशा ने भी कहा कि मेरा भाई सैलानियों को बचाने की कोशिश में अपना जान गंवा बैठा. आदिल के पिता हैदर शाह ने आगे कहा कि बेटा से ज्यादा सैलानियों का दुख है. बेगुनाह की मौत हुई. बेटे पर गर्व है. उसने सैलानियों की जान बचाने में अपनी परवाह नहीं की. आदिल के पिता के कहे ये शब्द 'बेटे की मौत से ज्यादा सैलानियों के लिए दुख' उनकी और उनके परिवार की जज्बे की कहानी बताते हैं. 

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बुधवार को जनाजे में जुटी भी भारी भीड़

मालूम हो कि बुधवार को आदिल हुसैन के जनाजे में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग, नेता सहित अन्य लोग शामिल हुए. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी आदिल हुसैन की नमाज में शामिल हुए. उन्होंने आदिल के परिजनों से बातचीत की और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया.

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