घाटी में पर्यटकों की संख्या में कमी
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सैलानियों में डर है, इसलिए वो जल्द से जल्द यहां से अपने घर जाना चाहते हैं. हमले के बाद से ही घाटी में सैलानियों की तादाद लगातार कम होती जा रही है. अमूमन इन दिनों श्रीनगर का मुगल गार्ड जो सैलानियों से गुलजार रहता है वो एकदम वीरान पड़ा है. अब बहुत कम संख्या में यहां टूरिस्ट आ रहे हैं और जो टूरिस्ट यहां पर थे वो अब वापस लौट रहे हैं. क्योंकि आतंकियों के हमले में 26 पर्यटक मारे गए. इसके बाद से ही यहां पर एक दहशत का माहौल बना हुआ है.
आतंकी हमले पर क्या बोले टूरिस्ट
हालांकि कुछ टूरिस्ट आज भी सुबह यहां पर पहुंचे हैं. घाटी में घूमने आए एक टूरिस्ट ने कहा कि हम हम लोग सुबह आए हैं. जो भी यहां हुआ, वो सब हमने न्यूज में ही देखा, शाम तक हम न्यूज़ देख रहे थे. लेकिन भागना किसी समस्या का हल नहीं है. अगर हम भागेंगे तो उनका जो मकसद है वह मकसद पूरा हो जाएगा. उनका मकसद पूरा नहीं होने देना है. जो अच्छी खासी अर्थव्यवस्था चल रही है जम्मू कश्मीर की वो अगर बंद हो जाएगी तो बहुत बड़ा नुकसान हो जाएगा यहां के लोकल लोगों का भी. हम लोग पुणे से आए हैं.
ये हमला पूरी इंसानियत का कत्ल
मुगल गार्डन में काम करने वाले एक जवान शख्स ने बताया कि मैं यहीं पर गेट पर तैनात रहता हूं, इस हमले का पर्यटन पर बहुत फर्क पड़ा है. काम सारा डाउन हो गया है. लगभग 500 से 600 आदमी आते थे, अब बस 50 से 60 लोग आ रहे हैं. हम इस हमले की मजम्मत करते हैं. ये पूरी इंसानियत का कत्ल है. हम टूरिस्ट के साथ हैं, हमारा खून इनके लिए हाजिर है. हम ये नहीं चाहते कि इनके खिलाफ कुछ हो. टूरिस्ट काफी कम हो गए हैं.
काफी साल से कश्मीर आने की ख्वाहिश...
महिला ने कहा कि हम आज ही आए हैं, हमें कश्मीर काफी साल से आना था. इस साल हमारा प्लान बना और ऐसे लग रहा था कि कुछ बुरे लोगों की वजह से हमें अपना प्लान कैंसिल नहीं करना चाहिए तो इसलिए हम लोग आ गए मन बना के, पीछे डल झील है, यह भी खाली पड़ी है. बहुत कम टूरिस्ट आपको यहां पर नजर आएंगे. बहुत कम बोट्स यहां पर चल रही हैं. पूरी डल जो है यह खाली पड़ी हुई है,सुनसान है. बहुत कम संख्या में टूरिस्ट यहां पर हैं. आमतौर पर यहां पर बड़ी संख्या में टूरिस्ट होते हैं. कुछ-कुछ टूरिस्ट यहां पर आ रहे हैं.