कांग्रेस को समर्थन देने वाले ममता बनर्जी के बयान का पी चिदंबरम ने किया स्वागत

पी.चिदंबरम ने आगे कहा कि गैर-भाजपा दलों के बीच एकजुटता का काम प्रगति पर है. उनका मानना है कि विपक्षी दल एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं, लेकिन अभी कुछ दूरी तय करनी है.

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पी चिदंबरम ने सीएम ममता बनर्जी के बयान का किया स्वागत
नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के बयान का स्वागत किया है. सीएम ममता ने कुछ दिन पहले अपने एक बयान में कहा था कि वो कांग्रेस को उन सीटों पर सपोर्ट करने को तैयार हैं जहां वो मजबूत है. ममता बनर्जी ने ये बातें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर कही थी. पी.चिदंबरम ने इस बयान का स्वागत करते हुए कहा कि मुझे लगता है ममता बनर्जी को अब बातचीत शुरू करनी चाहिए. 

"मैं आश्वस्त हूं कि सहमति बनाई जा सकती है"

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बनर्जी के बयान का स्वागत किया और उन्हें विश्वास है कि बातचीत के माध्यम से एक समझ बनाई जा सकती है. चिदंबरम ने ‘पीटीआई-भाषा' को फोन पर दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैं ममता बनर्जी के बयान का स्वागत करता हूं. उन्हें कांग्रेस के साथ बातचीत में इसे आगे बढ़ाना चाहिए. मैं आश्वस्त हूं कि सहमति बनाई जा सकती है.

ममता ने कांग्रेस का समर्थन करने की बात कही थी

बता दें कि ममता बनर्जी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि उनकी पार्टी क्षेत्रीय दलों को समर्थन के बदले 2024 के लोकसभा चुनावों में वहां-वहां कांग्रेस का समर्थन करेगी जहां यह मजबूत है. कांग्रेस जहां भी मजबूत है, उन्हें लड़ने दें. हम उन्हें समर्थन देंगे, इसमें कुछ भी गलत नहीं है. लेकिन उन्हें अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन करना होगा.

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"बीजेपी के खिलाफ होना होगा एकजुट"

यह संकेत देते हुए कि वह इस विचार के खिलाफ नहीं हैं, चिदंबरम ने कहा कि राज्य में सबसे मजबूत गैर-भाजपा पार्टी वहां के चुनाव में गठबंधन में अग्रणी पार्टी होनी चाहिए. मेरा निजी विचार है कि किसी राज्य में सबसे मजबूत गैर-भाजपा दल को उस राज्य में चुनाव में गठबंधन में अग्रणी पार्टी होना चाहिए. कांग्रेस कई राज्यों में सबसे मजबूत गैर-भाजपा पार्टी है. यह स्वाभाविक है कि राज्यों के मजबूत क्षेत्रीय दल पारस्परिक समर्थन की अपेक्षा करेंगे. 

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चिदंबरम ने आगे कहा कि गैर-भाजपा दलों के बीच एकजुटता का काम प्रगति पर है. उनका मानना है कि विपक्षी दल एक-दूसरे के करीब आ रहे हैं, लेकिन अभी कुछ दूरी तय करनी है. सूत्रों के मुताबिक 12 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक होने की संभावना है.

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"परिणामों की भविष्यवाणी करना बहुत जल्दबाजी"

चिदंबरम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में प्रक्रिया में तेजी आएगी. यह पूछे जाने पर कि हाल में संपन्न कर्नाटक चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कांग्रेस की भारी जीत का क्या असर हो सकता है. उन्होंने कहा कि 2024 के चुनावों को लेकर परिणामों की भविष्यवाणी करना बहुत जल्दबाजी होगी, लेकिन उनका मानना है कि इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

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अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में होने वाले विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए, चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस को कर्नाटक में शुरू हुई जीत का सिलसिला जारी रखने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए.

"शीर्ष अदालत को नजरअंदाज करने का प्रयास है"

उन्होंने कहा कि इसका (कर्नाटक में कांग्रेस की जीत) निश्चित रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, लोकसभा चुनाव से एक साल पहले यह कहना जल्दबाजी होगी कि 2024 के आम चुनाव का नतीजा क्या होगा. मैं कर्नाटक की जीत के बाद आम कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नयी ऊर्जा और उत्साह देख सकता हूं. यह अच्छा संकेत है. दिल्ली में नौकरशाहों के स्थानांतरण और पदस्थापना को नियंत्रित करने के लिए केंद्र के अध्यादेश पर विवाद के बारे में चिदंबरम ने मामले को गंभीर बताया और कहा कि यह शीर्ष अदालत को नजरअंदाज करने का प्रयास है और यह मुद्दा संघीय सरकार की बुनियाद तक जा रहा है. 

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