देश में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन रिकॉर्ड 88 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया. इस रिकॉर्ड को लेकर कांग्रेस के नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि रविवार को टीके की जमाखोरी, सोमवार को टीका लगाया और अगले दिन वही पुरानी स्थिति हो गई. चिदंबरम ने केंद्र की टीकाकरण नीति पर गंभीर सवाल उठाए हैं.
चिदंबरम बोले मोदी है तो मुमकिन है
पी चिंदबरम ने ट्वीट किया कि रविवार को जमाखोरी, सोमवार को टीका लगाएं और मंगलवार को लंगड़ाकर वापस लौट जाएं. "एक दिन" के टीकाकरण के विश्व "रिकॉर्ड" के पीछे यही रहस्य है. मुझे यकीन है कि इस "करतब" को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिलेगी! अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि कौन जाने, हो सकता है मेडिसिन का नोबेल पुरस्कार मोदी सरकार को दिया जाए. 'मोदी है, मुमकिन है' को अब पढ़ना चाहिए 'मोदी है, चमत्कार है.'
वर्ल्ड रिकॉर्ड के बाद टीकाकरण की रफ्तार सुस्त
बता दें कि साल के अंत तक देश में सभी नागरिकों के टीकाकरण के लक्ष्य के साथ शुरू हुए अभियान की एक दिन बाद ही हवा निकल गई है. कल रात साढ़े 10 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में 53 लाख 86 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई गई. एक दिन पहले यानी सोमवार को जब इस अभियान की शुरुआत हुई थी, तो 88 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण हुआ था. कल सबसे अधिक 7 लाख 96000 लाख लोगों का टीकाकरण यूपी में हुआ. हालांकि सबसे हैरान करने वाला आंकड़ा मध्य प्रदेश से आया, जहां सोमवार को रिकॉर्ड 16.95 लाख टीके लगे थे. वहीं मंगलवार को महज 4,825 लोगों को टीका लग सका.
सबसे अधिक खुराक देने वाले शीर्ष 10 राज्यों में से 7 भाजपा के
टीकाकरण के आंकड़े में आई भारी गिरावट से सवाल उठ रहे हैं कि क्या इतने बड़े पैमाने पर टीकाकरण टिकाऊ है. संकट की जगह आपूर्ति प्रतीत हुई और आरोप थे कि मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों ने 'मैजिक मंडे' हासिल करने के लिए दिनों तक वैक्सीन की खुराक जमा की थी. सबसे अधिक खुराक देने वाले शीर्ष 10 राज्यों में से सात में भाजपा की सरकारें हैं.