4 years ago
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में ऑक्सीजन संकट को लेकर सुनवाई हो रही है. आज सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में कहा है कि उसके सर्वे के मुताबिक फिलहाल दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन का जरूरी स्टॉक मौजूद है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन से आज 280 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आ रही है. केंद्र ने कहा कि दिल्ली की जरूरत 700 मीट्रिक टन नहीं है. अगर ये दिल्ली में सप्लाई करते रहे तो दूसरे राज्य अभाव में रहेंगे. सरकार ने बताया कि दिल्ली के 56 प्रमुख अस्पतालों में किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि उनके पास पर्याप्त स्टॉक है.

केंद्र ने सुनवाई को दौरान कहा कि ऑक्सीजन ऑडिट की जरूरत है क्योंकि सप्लाई हो रही है लेकिन लोगों तक नहीं पहुंच रही है, तो इसका मतलब कुछ केंद्र और कुछ दिल्ली के हिस्से में गड़बड़ है. कोर्ट ने केंद्र से कहा कि तीसरी लहर की आने की बात भी हो रही है, ऐसे में सरकार सुनिश्चित करें कि दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी न हो. कोर्ट ने तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने की आशंका पर चिंता जताई और कहा कि इसे लेकर पहले से योजना बनानी होगी.

Live Updates on Supreme Court Hearing: 

May 06, 2021 15:35 (IST)
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति पर याचिका की सुनवाई पूरी की. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा की हम जल्दी ही आदेश सुनाएंगे.
May 06, 2021 15:21 (IST)
ऑक्सीजन के बफर स्टॉक की मांग

एमिकस क्यूरी मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि आज दिल्ली और मुंबई में ऑक्सीज़न की अधिक मांग है. कल देश के दूसरे राज्य या शहर में ऑक्सीज़न की ज़्यादा मांग हो सकती है, इसलिए ऑक्सीज़न के बफर स्टाफ की सख्त जरूरत है. ऑक्सीज़न का बफर स्टॉक बनाया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कहीं ऑक्सीज़न की ज़रूरत हो तो उसको पूरा किया जा सके.
May 06, 2021 15:20 (IST)
कोर्ट में केंद्र और दिल्ली में बहस

दिल्ली सरकार ने कहा कि 'एक राज्य के तौर पर हम जो भी कर सकते हैं, सब कर रहे हैं. हम IIT, IIM, DRDO और रक्षा मंत्री से सेना तक की मदद मांग चुके हैं. केंद्र सरकार जो भी ऑक्सीज़न आवंटन को लेकर कह रही है, किस मेकेनिज़्म के तहतपूरे देश में किस तरह से ऑक्सीज़न आवंटन हो रहा है. केंद्र सरकार को यह सब हलफनामे में दाखिल करना चाहिए.'

केंद्र ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट को केंद्र के खिलाफ बोलने के प्लेटफार्म की तरह इस्तेमाल कर रही है. इसपर दिल्ली सरकार ने कहा कि अगर 700 नहीं दिया तो ये अदालत की अवमानना होगी.
May 06, 2021 14:48 (IST)
'GPS से टैंकरों पर नजर रख रहे'


दिल्ली सरकार ने कहा कि 'आवंटन केवल पेपर नहीं होना चहिए, उसको जमीन पर उतारा जाना चहिए, हम ICU मरीज से यह नहीं कह सकते कि उसको सिर्फ 24 लीटर ऑक्सीज़न दे सकते हैं क्योंकि केंद्र ने 36 लीटर देने से मना किया है.' उनके वकील ने बताया कि 'हम वास्तविक समय के आधार पर जीपीएस प्रणाली के माध्यम से टैंकरों पर नज़र रख रहे हैं. हमने एक पोर्टल विकसित किया है, जहां घर पर मरीज जिसे ऑक्सीजन की जरूरत होगी, वो वेब पर आवेदन कर सकता है. बेड के लिए भी प्रयास हो रहा  है.'
May 06, 2021 14:41 (IST)
सुनवाई शुरू होने के बाद कोर्ट में दिल्ली की ओर से कहा गया कि '8,000 एमटी पूरे देश में अलॉट है इसमें से 200 एमटी अधिक से अधिक 2 प्रतिशत होता है, जो दिल्ली के लिए बढ़ाना है, इसका हजारों लोगों पर सीधा असर पड़ेगा. लोग मर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट अपने 700MT के आदेश को हल्का ना करे. कोई दस्तावेज़ नहीं रखा गया कोर्ट के सामने. हाईकोर्ट ने जब अवमानना का नोटिस दिया इस उम्मीद से कि परिस्थिति बेहतर होगी तो उसे यहां चुनौती दे दी गई.'
May 06, 2021 13:29 (IST)
फिलहाल ब्रेक, सुनवाई दो बजे से जारी रहेगी.
Advertisement
May 06, 2021 13:13 (IST)
दिल्ली सरकार ने केंद्र पर आरोप लगाया

दिल्ली सरकार ने कहा कि 'अलग-अलग जगह से ऑक्सीज़न की सप्लाई आ रही है और केंद्र शायद उसे भी अपने चार्ट में बता रहा है, जो रास्ते में हैं. आज सुबह 9 बजे तक जो 300 MT नहीं मिला, अभी सिर्फ 189MT ही मिला है, जो सप्लाई अभी रास्ते में आ रही है, उसमें भी हमें शक है कि आज कुल ज़रूरत की 700 MT सप्लाई पूरी हो पाएगी.'

दिल्ली सरकार ने कहा कि '16,000 गैर आईसीयू बेड हैं, दिल्ली ऐप पर हम बेड का वास्तविक डेटा देते हैं, हम प्रति गैर आईसीयू बिस्तर पर 10 लीटर ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, हमारे पास राधा स्वामी सत्संग, राष्ट्रमंडल गांव और एक दूसरी जगह 500 बेड है जिसमें कुल आवश्यकता 707 MT ऑक्सीजन की है.'
May 06, 2021 13:04 (IST)
दिल्ली सरकार ने केंद्र पर सवाल उठाया 

केंद्र ने एक घंटे की सुनवाई में ये नहीं बताया कि वो 700 MT ऑक्सीजन की सप्लाई कैसे सुनिश्चित करेगा वो बिना पुनर्विचार याचिका के ही 700 MT से बचना चाहता है. दिल्ली ने कहा कि दिल्ली के सभी अधिकारी एलजी को रिपोर्ट करते हैं. दिल्ली के वकील ने कहा कि 'हमारे सभी अधिकारी केंद्र को रिपोर्ट करते हैं और हमें एलजी को जवाब देना होता है, इसलिए केंद्र अच्छी तरह से जानता है कि दिल्ली में क्या हो रहा है. हम एक सिलेंडर के लिए संघर्ष कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि बेड पर आधारित कैलकुलेशन लोगों का दुख बढ़ा रहा है. अगर यह ऑक्सीजन ऑडिट COVID कार्य में लगाए गए चिकित्सा पेशेवरों को हटाता है, तो यह नागरिकों के लिए हानिकारक होगा.
Advertisement
May 06, 2021 13:00 (IST)
'दिल्ली को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन देना होगा'

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन मुहैया कराने का आदेश देते हुए केंद्र से कहा कि 'आप ऑक्सीजन बढ़ाइए. आपको 700MT देना होगा.' इसपर केंद्र ने कहा कि अगर दिल्ली को 700 देंगे तो दूसरे राज्यों की सप्लाई में कटौती करनी होगी. कोर्ट ने कहा कि 'हम कोई पॉलिसी तैयार नहीं करेंगे. हम सरकार का पॉलिसी तैयार करने का काम नहीं लेंगे. हम सिर्फ अपने इनपुट देंगे.'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'हम दिल्ली में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए अफसरों की सराहना करते हैं.'
May 06, 2021 12:47 (IST)
केंद्र ने कहा कि राज्यों को ऑक्सीजन के आवंटन पर फिर से विचार होना चाहिए. ऑक्सीजन बढ़ाने के लिए उच्च राजनीति स्तर पर विदेशों से बात हो रही है.  सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ एक राज्य को ऑक्सीजन आवंटित करने के बारे में नहीं है, बल्कि एक उचित ऑक्सीजन ऑडिट की ज़रूरत है और वितरण के लिए एक उचित रूपरेखा होनी चाहिए, इसलिए कहा कि अन्य राज्यों को भी देखा जाए. 

जस्टिस शाह ने कहा कि 'अभी हम दिल्ली को देख रहे हैं लेकिन ग्रामीण इलाकों का क्या, जहां ज़्यादातर लोग झेल रहे हैं, आपको एक राष्ट्रीय नीति बनाने की जरूरत है, आप सिर्फ आज की स्थिति को देख रहे हैं लेकिन हम भविष्य को देख रहे हैं, उसके लिए आपके पास क्या प्लान है?'

जस्टिस चंद्रचूड ने पूछा- 'क्या हम डॉक्टर को टीम तैयार कर सकते हैं, जो टेक्नोलॉजी से इलाज करे? सेकेंड वेव को हैंडल करने के लिए मैन पावर नही है. थर्ड वेव के लिए भी हमारे पास मैन पावर नही होगा. क्या हम फ्रेश ग्रेजुएट डॉक्टर और नर्स का उसमें इस्तेमाल कर सकते हैं? थर्ड फेस में डॉक्टर और नर्स थक चुके होंगे. तब क्या करेंगे? कोई बैकअप तैयार करना होगा.' 

उन्होंने कहा कि 'देश में 1.5 लाख डॉक्टर और ढाई लाख नर्स घरों पर बैठे हुए हैं, वह तीसरी वेव में अहम भूमिका निभा सकते हैं, 1 लाख डॉ NEET परीक्षा का इंतज़ार कर रहे हैं आपके पास उनके लिए क्या प्लान है?'
Advertisement
May 06, 2021 12:40 (IST)
कोर्ट ने तीसरी लहर को लेकर चेताया

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 'मैंने अखबार में तीसरी लहर के बारे में पढ़ा है. वैज्ञानिक कह रहे हैं कि ये बच्चों को प्रभावित करेगी, जरूरी है कि जब हम तीसरी लहर की योजना बनाएं, तो इस आयु वर्ग का टीकाकरण पूरा हो जाए. हमें वैज्ञानिक और समेकित तरीके से योजना बनाने की जरूरत है.' 

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 'कई वैज्ञानिकों की रिपोर्ट है कि थर्ड वेव शुरू हो सकता है. अगर बच्चे इनफेक्ट होते हैं तो मां-बाप कैसे क्या करेंगे, अस्पताल में रहेंगे या क्या करेंगे. क्या प्लान है, टीकाकरण किया जाना चाहिए, हमें इसके साथ निपटने की जरूरत है.'

उन्होंने कहा कि वो यह नहीं कह रहे नहीं कि केंद्र की गलती है, कोर्ट कह रहा है कि वैज्ञानिक ढंग से नियोजित ढंग से तीसरी लहर से निपटने की जरूरत है. कोर्ट ने कहा कि 'आप महामारी के चरण 2 में हैं, दूसरे चरण में भी कई मापदंड हो सकते हैं, लेकिन अगर हम आज तैयार करते हैं, तो हम चरण 3 को संभाल सकेंगे.'
May 06, 2021 12:31 (IST)
जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि 'बेड के आधार पर ऑक्सीजन के आवंटन के केंद्र के फार्मूले में सुधार की जरूरत है. जब आपने फॉर्मूला तैयार किया तो हर कोई आईसीयू में नहीं जाना चाहता था. घर में ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है. ये  फार्मूला परिवहन, एम्बुलेंस और COVID देखभाल सुविधा को ध्यान में नहीं रखता है. दिल्ली के लिए आपका फार्मूला कमतर है.' जस्टिस चंद्रचूड़ ने ऑक्सीजन की कमी के कारण एक बहुत ही वरिष्ठ डॉक्टर की मौत हो गई.

एसजी ने कहा कि पहले आपूर्ति को दिल्ली तक पहुंचने दें और दिल्ली के एक जिम्मेदार अधिकारी को इसका व्यौरा देने को कहें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'हमें मुद्दे को अखिल भारतीय स्तर पर देखने की जरूरत है. ऑक्सिजन का ऑडिट जरूरी है. एक बार स्टॉक जारी होने के बाद क्या जवाबदेही है. एक बार आवंटन हो जाने के बाद और अस्पतालों को स्टॉक के वितरण के लिए उचित मात्रा में आवंटन होता है या नहीं, जो दिल्ली के लिए बफर बनाया जा सकता है. दिल्ली में ऑक्सीजन की दहशत नहीं होनी चाहिए.'
Advertisement
May 06, 2021 12:18 (IST)
कोर्ट ने केंद्र से पूछे सवाल

केंद्र ने कहा कि कुछ बड़े अस्पतालों को छोड़कर बाकी अस्पतालों में सिलेंडर होते हैं, वहां स्टोरेज 12 घंटे का ही होता है. ऐसे में वो संदेश भेजते हैं. इसपर जस्टिस शाह ने कहा, 'लेकिन जब अस्पताल कहते हैं कि ऑक्सीजन खत्म हो रही है तो लोगों के मन में डर होता है. केंद्र ने जवाब में कहा कि 'क्षमता भले 478 मिट्रिक टन की हो लेकिन औसत खपत 290 मिट्रिक टन है. हमने इस कोविड संकट के समय सप्लाई दोगुनी से ज्यादा कर दी है. टैंकर्स के अलावा सिलेंडर भी भेजे जा रहे हैं.'

इस पर जस्टिस शाह ने कहा कि 'जब आप ये दावे कर रहे हैं तो कई बड़े बड़े अस्पताल अदालतों में गुहार क्यों  लगा रहे हैं कि हमारे पास दो या तीन घंटों का ऑक्सीजन ही रह गया है?'

केंद्र ने कहा कि 'ऑक्सीजन ऑडिट की जरूरत है. सप्लाई हो रही है लेकिन लोगों तक नहीं पहुंच रही है तो इसका मतलब कुछ केंद्र और कुछ दिल्ली के हिस्से में गड़बड़ है.'
May 06, 2021 12:13 (IST)
Oxygen Shortage : 

स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव सुमिता डावरा ने बताया कि कुल क्रायोजेनिक टैंकर के 53 फीसदी को दिल्ली सप्लाई के लिए ही लगाया गया है.  6 कंटेनर्स भी लगाए गए हैं. अगले कुछ दिनों में इनकी संख्या 24 हो जाएगी. इनमें भरे हुए और वापस प्लांट तक जाने वाले केंटेनर्स भी शामिल रहेंगे. 56 मुख्य अस्पतालों में 478 मिट्रिक टन ऑक्सीजन की भंडार क्षमता है. एसजी ने कहा कि इसका मतलब यह नही है कि ये क्षमता हमेशा भरी या खाली रहती है, स्टॉक रहता है.
May 06, 2021 12:11 (IST)
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ऑक्सीज़न के बफर स्टॉक को लेकर सवाल उठाया 

शीर्ष अदालत ने कहा कि 'ज्यादातर अस्पताल SOS कॉल दे रहे हैं कि उनके यहां एक घंटे या दो घण्टे की ऑक्सीज़न बची हुई है. ऑक्सीजन के बफर स्टॉक को सुनिश्चित किया जाना चाहिए. पिछले आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने बफर स्टॉक बनाने को कहा था उसको लेकर केंद्र सरकार ने क्या किया?'
May 06, 2021 12:02 (IST)
SC Hearing on oxygen shortage : 

केंद्र ने कहा कि 'अब दिल्ली में ऑक्सीज़न की अतिरिक्त आपूर्ति है और यह स्टॉक को अनलोड करने और फिर से भरने के लिए समय ले रहा है, अब दूसरे राज्यों से ऑक्सीज़न की मांग उठने लगी है. अगर हम सिर्फ दिल्ली को ऑक्सीज़न देने में लगे रहे तो दूसरे राज्यों को नहीं दे पाएंगे. दिल्ली में 700 के लिए वास्तविक रूप से सही स्थिति नहीं है. इसकी पूर्ति करने से दूसरे राज्य मे दिक्कत आएगी.'
Featured Video Of The Day
Punjab News: Mohali में कैसे ढही 4 मंजिला इमारत? वीडियो आया सामने
Topics mentioned in this article