ऑक्सफोर्ड का टीका कोरोना वायरस से 95% सुरक्षा देगा, बोले एस्ट्राजेनेका के सीईओ : रिपोर्ट

ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन (Oxford Vaccine Covishield)का भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट में हो रहा है. सरकार द्वारा आपात इस्तेमाल के लिए चयनित तीन टीकों में यह शामिल है.

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ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन का नाम कोविशील्ड (Covishield) है. (फाइल)
नई दिल्ली:

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford university) और ब्रिटिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका (Astrazeneca)  द्वारा तैयार वैक्सीन कोरोना वायरस से 95 फीसदी सुरक्षा देगी. यह फाइजर और मॉडर्ना के टीके के बराबर ही कारगर होगी. एस्ट्राजेनेका के सीईओ ने यह दावा किया है.ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन (Corona Virus Vaccine) का भारत में बड़े पैमाने पर उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) में हो रहा है. केंद्र सरकार आपात इस्तेमाल के लिए जिन तीन टीकों पर विचार कर रही है, उनमें ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन कोविशील्ड भी शामिल है.

ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका ( Astrazeneca)  के सीईओ पास्कल सोरियट ने ब्रिटिश अखबार संडे टाइम्स को दिए इंटरव्यू में यह दावा किया. सीईओ ने कहा है कि वैक्सीन वायरस के खिलाफ 95 फीसदी तक प्रभावशीलता रखती है. वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कामयाब फार्मूला तैयार किया है, जिससे वैक्सीन की प्रतिरोधी क्षमता को और बढ़ाया जा सकता है. हालांकि इस दावे से जुड़े ट्रायल के कोई नतीजे अभी तक घोषित नहीं किए गए हैं. कोविशील्ड (Covishield) के तीसरे चरण के ट्रायल के जो अंतरिम नतीजे पिछले माह जारी किए गए थे, उनमें टीके की दो खुराक में औसतन 70 फीसदी प्रभावी रहने का परिणाम दिया गया था. जबकि टीके की एक खुराक में 90 फीसदी प्रभावशीलता की बात थी. फाइजर के डाटा के मुताबिक, उनकी वैक्सीन 95 फीसदी रहेगी. वहीं मॉडर्ना ने टीके के 94.5 फीसदी प्रभावी रहने का आंकड़ा दिया था.

नए स्ट्रेन के खिलाफ भी हो सकती है कारगर
सोरियट ने यह भी कहा कि वैक्सीन को इसी हफ्ते ब्रिटिश स्वास्थ्य नियामक (Britain Helth Regulator) से मंजूरी मिल सकती है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस के नए संक्रामक स्ट्रेन के खिलाफ भी प्रभावी रहनी चाहिए. नए स्ट्रेन का पता लंदन और दक्षिणपूर्व इंग्लैंड में सितंबर के माह में लगा था. ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन कोविशील्ड उन तीन टीकों में से एक हैं, जिनके आपात इस्तेमाल की मंजूरी भारत सरकार दे सकती है. अन्य दो टीकों में एक फाइजर का है, जो पहले ही ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य देशों में  इस्तेमाल की जा रही है और दूसरी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सिन.

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