दिल्ली के लोग अभी तक शुक्रवार को हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश से उबर नहीं पाए हैं कि उन्हें अभी से ही और बारिश के लिए तैयार रहना होगा. दरअसल, मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें आज और कल भारी बारिश होने की भविष्यवाणी की गई है. भारतीय मौसम विभाग की कलर-कोडिड चेतावनी प्रणाली के अनुसार, ऑरेंज अलर्ट में लोगों को भारी बारिश के लिए तैयार रहने को कहा जाता है.
मानसून के शुरुआत में ही कई इलाकों में हुआ जलभराव
दिल्ली में मानसून के पहले दो दिनों में कई निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई और 11 लोगों की जान भी चली गई. शुक्रवार को मानसून के दस्तक देने पर शहर में 228.1 मिमी बारिश दर्ज की गई - जो 1936 के बाद से जून में एक दिन में हुई सबसे अधिक बारिश है.
दो दिनों में उत्तर प्रदेश और हरियाणा में हो सकती है भारी बारिश
आईएमडी की वैज्ञानिक सोमा सेन ने एनडीटीवी को बताया कि मानसून आगे बढ़ रहा है और उत्तर भारत के कई इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है. उन्होंने कहा, "पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश हो चुकी है और अगले दो-तीन दिनों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी बारिश हो जाएगी."
बारिश से हुए जलभराव के कारण कई लोगों की हुई मौत
शुक्रवार सुबह से ही टीवी स्क्रीन पर पानी से भरे अंडरपास में फंसे वाहनों और ज़रूरी सामान लाने के लिए पानी से गुज़रते लोगों की तस्वीरें दिखाई दे रही थीं. जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मौतों की ख़बरें आने लगीं. मरने वालों में कई बच्चे शामिल हैं, जो गड्ढों में डूब गए और पानी से भरे अंडरपास में फंस गए. वसंत विहार में दीवार गिरने की घटना में भी तीन लोगों की जान चली गई. दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर भारी बारिश के बीच छत का एक हिस्सा गिर गया, जिससे कई कारें दब गईं. यात्रियों का इंतज़ार कर रहे एक कैब ड्राइवर की भी इस घटना में मौत हो गई.
यातायात भी रहा प्रभावित
प्रगति मैदान टनल सहित कई इलाकों में जलभराव के कारण यातायात बाधित हुआ, जो शनिवार को भी बंद रहा था. नगर निगम के अधिकारियों ने कहा है कि जलभराव की शिकायतों से निपटने के लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ा दी गई है. नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि गोल्फ लिंक्स और भारती नगर इलाकों में चार अतिरिक्त पंप स्टैंडबाय पर हैं, जहां शुक्रवार को जलभराव की समस्या थी.
कई उपाय अपना रहा दिल्ली नगरपालिका परिषद
उन्होंने कहा, "वाहनों पर लगी तीन सुपर सक्शन मशीनें संवेदनशील इलाकों में गश्त करती रहेंगी. हमने अतिरिक्त कर्मचारियों को भी तैनात किया है और सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं." एक अन्य अधिकारी ने कहा, "संवेदनशील इलाकों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है."
24 घंटे काम कर रहे केंद्रीय नियंत्रण कक्ष
दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि उनका केंद्रीय नियंत्रण कक्ष चौबीसों घंटे काम कर रहा है. एक अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "कुल मिलाकर 72 स्थायी पंपिंग स्टेशन काम कर रहे हैं और जरूरत के मुताबिक काम कर रहे हैं. इसके अलावा जलभराव को दूर करने के लिए अलग-अलग क्षमता के 465 मोबाइल/सबमर्सिबल पंपों की व्यवस्था की गई है. पानी को जल्दी से जल्दी निकालने के लिए मशीनों के साथ-साथ पर्याप्त संख्या में लोगों को तैनात किया गया है.
उपराज्यपाल ने प्रभावित इलाकों का किया निरीक्षण
एक बयान में कहा गया है कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों और जल निकासी प्रणालियों का निरीक्षण किया है. सक्सेना ने पाया कि नालियां कचरे, मलबे और कीचड़ से भरी हुई हैं. मौसम विशेषज्ञों ने पिछले कुछ सालों में राष्ट्रीय राजधानी में चरम मौसमी घटनाओं की ओर इशारा किया है. उन्होंने पाया है कि दिल्ली में मानसून के दौरान लगभग 650 मिमी बारिश होती है और मौसम के आंकड़ों से पता चलता है कि शहर में पहले दिन ही एक तिहाई बारिश हुई है.