आधार को वोटर आईडी से जोड़ने पर विपक्ष के आऱोप बेबुनियाद, कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दिए ये तर्क

रिजिजू ने कहा कि इलेक्शन लॉज बिल देश मे चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाने के लिए जरूरी है. अभी एक मतदाता तीन चार जगह Electoral Roll में अपना नाम शामिल करा लेता है. जो फर्जी वोटर हैं उन्हें भी वोटिंग लिस्ट से बाहर करना बहुत जरूरी है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने वाला इलेक्शन लॉज एमेंडमेंट बिल पारित
नई दिल्ली:

वोटर आईडी कार्ड से आधार को लिंक (Aadhaar Voter ID) करने को लेकर केंद्र सरकार ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया है. चुनाव सुधार से जुड़ा ये विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा से पारित हो गया है. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि इलेक्शन लॉज एमेंडमेंट बिल (Election Laws (Amendment) Bill) चुनाव सुधार से जुड़ा है. यह स्वैच्छिक है और वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक कराना अनिवार्य नहीं होगा. अगर किसी नागरिक के पास आधार कार्ड नहीं है तो उसका नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा. अगर किसी को मतदाता सूची (Electoral Rolls) में नाम जुड़वाना है तो वो उसके लिए भी आधार कार्ड देना अनिवार्य नहीं होगा.  

  ''बीजेपी के 300 सांसद जीते तो क्‍या बोगसिंग से जीते'' : चुनाव सुधार बिल पर असदुद्दीन ओवैसी का सवाल

रिजिजू ने कहा कि इलेक्शन लॉज बिल देश मे चुनावी प्रक्रिया को स्वच्छ और साफ सुथरा बनाने के लिए जरूरी है. अभी एक मतदाता तीन चार जगह Electoral Roll में अपना नाम शामिल करा लेता है. जो फर्जी वोटर हैं उन्हें भी वोटिंग लिस्ट से बाहर करना बहुत जरूरी है. विपक्ष का तर्क बिल्कुल गलत है. आधार कार्ड को लिंक करना अनिवार्य नहीं बनाया गया है. आधार नहीं होने पर भी किसी भी मतदाता का नाम वोटिंग लिस्ट से नहीं हटेगा.  अगर आप 18 साल के ऊपर हैं आपका नाम वोटिंग लिस्ट में है तो आप वोटर हैं.

Advertisement

विधेयक के मुताबिक, यह बिल निर्वाचक अधिकारी को यह अनुमति देता है कि जो पंजीकरण के लिए आधार नंबर देना चाहता है और इसके आधार पर अपनी पहचान सत्यापित करने को तैयार है.ये विधेयक लोकसभा से पहले ही पारित हो चुका है और राज्यसभा में है. यह विधेयक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी को उन लोगों की भी पहचान सत्यापित करने के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल कर सकता है, जिनका नाम पहले से ही मतदाता सूची में है. ताकि यह तय किया जा सके कि क्या किसी व्यक्ति का नाम एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में तो दर्ज नहीं है.

Advertisement

चुनाव सुधार से जुड़े इस बिल में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि अगर कोई आधार नंबर नहीं देना चाहता है और इसकी जगह पहचान के किसी अन्य प्रमाणपत्र के आधार पर मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना चाहता हो. आधार नंबर न होने की वजह से किसी का नाम मतदाता सूची से हटाया भी नहीं जा सकता. 

Advertisement

चुनाव सुधार से जुड़े इस बिल के जरिये सरकार का उद्देश्य है कि मतदाता सूची को डिजिटल बनाया जाए और हर तीन माह में वोटर लिस्ट को बिना किसी बड़े झंझट के आसानी से अपडेट किया जा सके. मतदाताओं का नाम जोड़ना या हटाना आसान किया जा सके.

Advertisement

जन प्रतिनिधित्व कानून के मौजूदा नियम के अनुसार, अभी 1 जनवरी को 18 साल की उम्र पार करने वालों को ही वोटर लिस्ट में जुड़ने का अधिकार मिलता है. नए कानून के बाद साल में ऐसी चार तारीखें तय की जाएंगी और उन तारीख को 18 साल का पूरा होने वाला व्यक्ति वोटर लिस्ट में अपना नाम दर्ज करा सकता है. ये तारीख 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर होंगे. 

आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ने वाला चुनाव सुधार बिल राज्यसभा में भी पास

Helplines
Vandrevala Foundation for Mental Health9999666555 or help@vandrevalafoundation.com
TISS iCall022-25521111 (Monday-Saturday: 8 am to 10 pm)
(If you need support or know someone who does, please reach out to your nearest mental health specialist.)

Featured Video Of The Day
Parliament के गेट पर सांसद नहीं कर सकेंगे धरना, OM Birla ने जारी किए सख्त आदेश | Breaking News