बुधवार को आर्थिक मोर्चे पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की. आम बजट पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने आम बजट में गरीब और कोरोना संकट के दौरान बेरोजगार हुए लोगो के संकट को नजरअंदाज कर दिया उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी स्तर में हुई बढ़ोतरी का सवाल भी उठाया.उन्होंने कहा ,"लोगों के पास रोजगार नहीं है लेकिन आपने तो बेरोजगारी का जिक्र भी नहीं किया अपने बजट स्पीच में?
कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार अमीरों के हितों को आगे बढ़ा रही है. उन्होंने कहा कि "2018 में, देश में 1% लोगों के पास 58% संपत्ति थी। 2019 में, 1% लोगों के पास सिर्फ एक साल में 73% संपत्ति थी ... यह क्रोनी कैपिटलिज्म का एक क्लासिक मामला है"
कपिल सिब्बल के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए बीजेपी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इस साल का आम बजट बेरोजगारी और गरीबी दूर करने के लिए लाया गया है. सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान भारत सरकार ने 27 लाख करोड़ से ज्यादा का आत्मनिर्भर भारत पैकेज जारी किया जो पांच छोटे बजट के बराबर है. उन्होंने कहा, "हमारा बजट रोजगार पैदा करने वाला बजट है, गरीबी दूर करने वाला बजट है ...यह बजट भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है अगर कैपिटल एक्सपेंडिचर अर्थव्यवस्था में बढ़ाई जाएगी तो रोजगार के बड़े स्तर पर नए अवसर पैदा होंगे".
इससे पहले प्रश्नकाल के दौरान थी विपक्ष ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का सवाल उठाते हुए पेट्रोलियम मंत्री से तीखे सवाल पूछे. समाजवादी पार्टी के सांसद विशंभर प्रसाद निषाद ने पूछा कि सीता माता की धरती नेपाल में पेट्रोल डीजल भारत से सस्ता है . रावण के देश श्रीलंका में भारत से कम कीमत है... तो क्या राम के देश में सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम कम करेगी?"
जवाब में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इन देशों के साथ भारत की तुलना करना गलत है क्योंकि वहां समाज के कुछ लोग इसका उपयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि केरोसिन की कीमत में भारत और इन देशों में काफी अंतर है. बांग्लादेश नेपाल में केरोसिन लगभग ₹57 से ₹59 में मिलता है जबकि भारत में केरोसिन की कीमत ₹32 प्रति लीटर है. साथ ही उन्होंने कहा कि अंतिम पिछले 300 दिनों के दौरान लगभग 60 दिनों तक दाम में वृद्धि की गई है. लगभग 250 दिनों तक हमनें न को कीमतों को बढ़ाया और न ही घटाया है. इसलिए एक झूठा अभियान चलाकर यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि देश में ईंधन का दाम सर्वकालिक ऊंचाई पर है.
समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान श्रम मंत्री से पूछा : कोरोना संकट की वजह से असंगठित क्षेत्र में कितने मजदूर बेरोजगार हुए क्या सरकार के पास इसका कोई आंकड़ा है? श्रम मंत्री ने कहा: "यह वास्तव में चिंता का विषय है हम लोगों ने जो जानकारी इकट्ठा की है उसके मुताबिक दूसरे राज्यों से गृह राज्यों में आने का काम एक करोड़ मजदूरों ने किया है .. इनमें से अधिकांश वापस भी लौट गए हैं और स्थान पा रहे हैं".साफ है , कोरोनावायरस का संकट का अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर और देश में बेरोजगारी और गरीबी के बढ़ते संकट से लेकर पेट्रोल डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और मजदूरों के पलायन को लेकर सरकार को कई मुश्किल सवाल झेलने पड़े जाहिर है अर्थव्यवस्था का संकट काफी बड़ा है और सरकार को इन मुश्किल सवालों के जवाब जल्दी डूबने होंगे ढूंढने होंगे