विपक्ष के नेताओं ने मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए होने वाली अखिल भारतीय परीक्षा, राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) में कथित गड़बड़ी पर बड़े पैमाने पर जारी विवाद को लेकर केंद्र पर निशाना साधा है. देश के कई हिस्सों में नीट में अनियमितताओं के विरोध में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
शुरुआत से ही नीट का विरोध कर रही राजनीतिक पार्टी डीएमके ने परीक्षा की पवित्रता को नष्ट करने के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की आलोचना की है. डीएमके ने कहा है कि केंद्र सरकार केवल एक "दर्शक" है और कोचिंग सेंटरों का समर्थन कर रही है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "चुप्पी" पर सवाल उठाया है और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है.
मेडिकल प्रवेश परीक्षा 5 मई को हुई थी और इसमें 24 लाख छात्रों ने भाग लिया था. इसके नतीजे 4 जून को तब घोषित किए गए थे जब लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना हुई थी. नतीजों के बाद पेपर लीक होने के आरोप सामने आए. परीक्षा में 67 छात्रों ने 720/720 का परफेक्ट स्कोर हासिल किया. कट-ऑफ में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिससे कई लोग सोच में पड़ गए हैं कि उन्हें मेडिकल कॉलेज की सीट मिलेगी भी या नहीं.
दोबारा परीक्षा कराने की मांग
परीक्षा केंद्र पर समय के नुकसान की भरपाई के लिए कई छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने का मुद्दा भी जांच के दायरे में है. प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि ग्रेस मार्क्स के कारण ही अंक बढ़ गए हैं. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. केंद्र ने कोर्ट को बताया कि उसने 1563 उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द कर दिए हैं. अब उनके पास दोबारा परीक्षा देने या ग्रेस मार्क्स छोड़ने का विकल्प है. हालांकि छात्रों के एक वर्ग ने कहा है कि यह पर्याप्त नहीं है, सभी छात्रों के लिए परीक्षा दोबारा होनी चाहिए.
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि पेपर लीक होने का कोई सबूत नहीं है और एनटीए में भ्रष्टाचार के दावे निराधार हैं. उन्होंने कहा, "इससे जुड़े सभी तथ्य सुप्रीम कोर्ट के सामने विचाराधीन हैं. इस मुद्दे पर जिस तरह की राजनीति की जा रही है, वह केवल भ्रम फैलाने की कोशिश है और इससे छात्रों की मानसिक शांति प्रभावित होती है."
24 लाख छात्रों का भविष्य दांव पर
नीट परीक्षा के मुद्दे पर केंद्र पर निशाना साधते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ग्रेस मार्क्स ही एकमात्र समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि, "इसमें धांधली हुई है, पेपर लीक हुए हैं और भ्रष्टाचार हुआ है. मोदी सरकार की हरकतों के कारण NEET परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है."
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि "नीट घोटाले" ने 24 लाख से ज्यादा छात्रों और उनके परिवारों को तबाह कर दिया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि शिक्षा मंत्री की "अहंकारी प्रतिक्रिया" में 24 लाख छात्रों और उनके अभिभावकों की शिकायतों को नजरअंदाज किया गया है.
आरजेडी ने साधा बीजेपी पर निशाना
विपक्ष के इंडिया गठबंधन के अन्य सहयोगी दल भी परीक्षा का विरोध कर रहे हैं. आरजेडी नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि जब भी केंद्र या राज्य में बीजेपी सत्ता में होती है, तो पेपर लीक होना "अपरिहार्य" होता है.
तृणमूल कांग्रेस के नेता और बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने कहा है कि केंद्र बंगाल में शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच में तेजी ला रहा है. उन्होंने कहा, "लेकिन यह NEET-UG में अनियमितताओं की जांच करने पर चुप है, जिसने देश भर में लाखों डॉक्टर बनने के इच्छुकों के भविष्य के करियर को प्रभावित किया है."
मेडिकल कॉलेजों में सीटों के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होगी और सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को मामले में अपनी सुनवाई फिर से शुरू करेगा.
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