कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित देश की 14 विपक्षी पाटियों ने शुक्रवार को संसद में संविधान दिवस कार्यक्रम से दूरी बनाए रखी, अगले सप्ताह से प्रारंभ हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 'यूनाइटेड फ्रंट' के रूप में एकजुटता दिखाने के लिए विपक्षी दलों ने यह कदम उठाया.केंद्र सरकार पर निशानासाधते हुए हुए कांग्रेस के मनिकेम टैगोर (Manickam Tagore)ने कहा कि यह सरकार, संविधान का सम्मान नहीं करते. कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जन खडगे ने गुरुवार को विपक्षी नेताओं से बात की थी. पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सभी 14 विपक्षी पार्टियों संसद के शीत सत्र में एकजुट रहने पर सहमत हैं.शुक्रवार सुबह संसद के सेंट्रल हाल में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और पीएम नरेंद्र मोदी ने शिरकत की.14 विपक्षी पार्टियों की ओर से संविधान दिवस कार्यक्रम से दूरी बनाने के मामले में पीएम ने कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि परिवार के लिए पार्टी, परिवार के द्वारा पार्टी...क्या मुझे और कुछ कहने की जरूरत है? यदि एक पार्टी कल पीढ़ियों से एक ही परिवार द्वारा चलाई जा रही है तो यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है.' उन्होंने कहा कि संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं. जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं?
15 और देशों ने भारत के वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट को दी मान्यता : विदेश मंत्रालय
पीएम ने कहा कि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है, इसका मूल्यांकन करने के लिए भी संविधान दिवस मनाना चाहिए. बाबा साहब अंबेडकर ने हमें और देश को जो तोहफा दिया है, यह उसे याद करने का दिन है. सदन को प्रणाम करने का दिन है. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा संविधान सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, बल्कि यह सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है.पीएम ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर की 125वीं जयंती थी, ऐसे में हम सबको लगा इससे बड़ा और पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें. देश एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है संविधान की एक-एक धारा को तब चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं. जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं? प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों को लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी. अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होताआजादी के अमृत महोत्सव में हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ें ताकि अधिकारों की रक्षा हो.