विपक्षी सांसदों ने निकाला तिरंगा मार्च, स्पीकर की चाय पार्टी का भी किया बहिष्कार

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस, द्रमुक, शिवसेना (यूबीटी), तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए. 

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
नई दिल्ली:

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सांसद गुरुवार (आज) को संसद के मौजूदा बजट सत्र के पूरा होने के बाद संसद भवन से विजय चौक तक 'तिरंगा मार्च' निकाला. इधर, सांसदों के मार्च को लेकर प्रशासन अलर्ट है. विजय चौक छावनी में बदल गया है. दिल्ली पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय फोर्स के जवान मौके पर विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए हैं. 

मार्च के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, " मोदी सरकार लोकतंत्र के बारे में बहुत कहती है, पर उसके तहत चलती नहीं है. 50 लाख करोड़ का बजट 12 मिनट में पास किया गया. कहते हैं विपक्ष की रूचि नहीं. लेकिन जब कभी हम बोलने के लिए उठते थे तो वह बोलने नही देते थे. हमारे जेपीसी की मांग भी ठुकरा दी.  हमारा सवाल है आप जेपीसी बनाने से क्यों डर रहे हैं? "

उन्होंने कहा, " मुद्दा को डाइवर्ट करने के लिए 'राहुल गांधी माफी मांगों' का मुद्दा लेकर आए. पीएम खुद सदन में नहीं रहते हैं. इस दौरान दौरे पर रहते हैं. प्रचार में जाते हैं. 

सूत्रों की मानें तो संसद सत्र के आख़िरी दिन लोकसभा स्पीकर की तरफ़ से आयोजित चाय पार्टी का 13 विपक्षी पार्टियो ने बहिष्कार किया है. जबकि टीएमसी और एनसीपी चाय पार्टी में शामिल होगी. 

गौरतलब है कि उन्होंने बुधवार को संवाददाताओं से कहा था, ' इस सत्र की समाप्ति के बाद विपक्षी सांसद तिरंगा मार्च निकालेंगे.' उन्होंने कहा कि आगे भी विपक्षी दल एक साथ मिलकर काम करेंगे. 

Advertisement

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था, ' यह तिरंगा मार्च संसद भवन से विजय चौक तक निकाला जाएगा.' उन्होंने आरोप लगाया कि सत्र में कार्यवाही बाधित होने के लिए पूरी तरह से सत्ता पक्ष जिम्मेदार है. इससे पहले बुधवार सुबह विपक्षी नेताओं ने संसद के बजट सत्र में आगे की रणनीति पर बुधवार को चर्चा की. 

बता दें कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में खरगे के अलावा कांग्रेस, द्रमुक, शिवसेना (यूबीटी), तृणमूल कांग्रेस और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए थे. 

Advertisement

केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने और दो साल की सजा सुनाये जाने के मद्देनजर पिछले दिनों लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया.

उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम'' संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें दोषी ठहराया था और दो साल कारावास की सजा सुनाई थी .

Advertisement

गत 13 मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा में बार बार व्यवधान हुआ है.

विपक्षी दल अडाणी समूह के मामले में जेपीसी गठित करने की मांग पर अड़े हुए हैं. दूसरी तरफ, सत्तापक्ष ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में दिए गए एक बयान को लेकर उनसे माफी की मांग की. 

Advertisement

यह भी पढ़ें -

-- दिल्ली एयरपोर्ट 2022 में दुनिया का नौवां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा: एयरपोर्ट्स काउंसिल इंटरनेशनल
-- बंगाल सरकार ने हनुमान जन्मोत्सव पर तीन जिलों में अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का लिया फैसला

Featured Video Of The Day
Chhattisgarh के Kanker में नक्सली मुठभेड़ का तीसरा दिन, सुरक्षाबल ने नक्सलियों का बड़ा ग्रुप घेरा
Topics mentioned in this article